धनबाद.
नि:स्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा, समर्पण व साहस को सम्मान देने के लिए रविवार को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय नर्स डे मनायेगी. ऐसे में धनबाद के ऐसे नर्सों का जिक्र लाजमी हो जाता है, जो पूरी सेवा भाव से मरीजों को बीमारी और दर्द से राहत पहुंचाने में लगे रहते हैं. उनमें से एक नाम है एसएनएमएमसीएच में कार्यरत जसेंता करकेट्टा का. जसेंता पिछले 31 वर्षों से नर्स के रूप में सेवा प्रदान कर रही है. मरीजों के प्रति समर्पण का भाव ऐसा कि वह रिटायरमेंट के बाद भी मरीजों की सेवा दे रहीं हैं. दिन हो या रात हर परिस्थिति में इनका धर्म है मरीजों की सेवा. पीएमसीएच पटना से स्थानांतरित होने के बाद वह धनबाद पहुंची. एसएनएमएमसीएच में 19 साल नर्स के रूप में योगदान दिया. यहीं से रिटायर हुई. वर्तमान में वह आउटसोर्स पर बहाल है और एआरटी विभाग में अपनी सेवा प्रदान कर रहीं है.हर परिस्थिति में मरीजों की सेवा के लिए तैयार रहती हैं जुली :
एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में कार्यरत जुली काेंगारी साल 2014 से बतौर नर्स सेवा प्रदान कर रहीं हैं. वह साल 2016 में एसएनएमएमसीएच से जुड़ीं. तब से अबतक निस्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा में लगी हुई हैं. अस्पताल के सेंट्रल इमरजेंसी में उनकी ड्यूटी है. जहां, गंभीर मरीज ही पहुंचते हैं. मरीजों की स्थिति कैसी भी हो, वह घबराती नहीं हैं. मरीजों का दर्द दूर करना एकमात्र उद्देश्य है. कोरोनाकाल जैसी विपरीत परिस्थिति में भी उन्होंने इमरजेंसी में सेवा प्रदान की. एक दिन भी छुट्टी नहीं ली.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है