Dhanbad News :
सुधीर सिन्हा, धनबाद.
310 करोड़ की झरिया जलापूर्ति योजना का काम धीमी गति से चल रहा है. पांच साल में मात्र 60 प्रतिशत ही काम हुआ है. इसके बाद भी संबंधित एजेंसी जीएमसी कंपनी को एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दिया जा रहा है. अब तक ना तो पाइपलाइन का काम पूरा हुआ और न ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व संप बना. इस योजना से 34 हजार घरों में पानी का कनेक्शन देना है. योजना के शुरू हुए पांच साल बीत गये, अब तक एक भी घर में पानी का कनेक्शन नहीं दिया जा सका है. वहीं योजना पर काम कर रही एजेंसी जीएमसी कंपनी को जून 2025 तक तीसरी बार एक्सटेंशन दिया गया है. जो स्थिति है, उसमें काम पूरा होने में कम से कम डेढ़ -दो साल और लगेंगे.क्या है योजना की स्थिति :
2019 में जीएमसी को 310 करोड़ की जलापूर्ति योजना का काम दिया गया था. पांच साल में भी काम पूरा नहीं हुआ. 417 किमी तक जलापूर्ति पाइपलाइन बिछानी है, लेकिन अब तक मात्र 237 किमी ही पाइप बिछाई गयी है. वहीं 34000 घरों में पानी कनेक्शन देना है. इसके लिए सर्वे हो गया है, लेकिन अब तक 100 एमएम व 150 एमएम की डिस्ट्रीब्यूशन पाइप नहीं आने से कनेक्शन देने का काम शुरू नहीं हुआ है. इंटेक वेल का 90 प्रतिशत, डब्ल्यूटीपी का 95 प्रतिशत काम हो गया है. इंटेकवेल से डब्ल्यूटीपी तक लगभग एक किलोमीटर तक राइजिंग पाइप बिछानी है. इस पर काम चल रहा है. रेलवे से एनओसी भी मिल गयी है. करकेंद व होरलाडीह क्रॉसिंग में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है. झरिया में पांच संप बनना है, इनमें तीन की छत ढलाई एवं दो में फाउंडेशन तक काम हुआ है. भुलनबरारी, पुटकी व करकेंद में भी संप का काम लटका हुआ है. कुछ जगहों पर सड़क काटनी है, इसके लिए आरसीडी व एनएच से एनओसी नहीं मिली है. इंटेकवेल व डब्ल्यूटीपी में बिजली कनेक्शन के लिए प्रक्रिया चल रही है.बोलीं विधायक :
झरिया विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि पांच साल में ना तो पाइप लाइन का काम पूरा हुआ और ना ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व संप बना. निरीक्षण के दौरान अभियंता नहीं रहते हैं. मामले को विधानसभा में उठायेंगी. योजना की जांच की मांग करेंगे. राज्य सरकार के पैसे का दुरुपयोग हुआ है. ऐसे संवेदक पर कार्रवाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है