JMM : गहराया आंतरिक विवाद, पूर्व विधायक फूलचंद मंडल, अशोक मंडल सहित चार को शो कॉज

गठबंधन दल के प्रत्याशी का समर्थन नहीं करने व भाजपा प्रत्याशी को आशीर्वाद देने का आरोप

By Prabhat Khabar News Desk | July 8, 2024 1:35 AM

लोकसभा चुनाव के बाद झामुमो का आंतरिक विवाद गहरा गया है. पार्टी के जिलाध्यक्ष लखी सोरेन ने सिंदरी के पूर्व विधायक फूलचंद मंडल, उनके पुत्र धनरनीधर मंडल, झामुमो के कद्दावर नेता अशोक मंडल व महानगर उपाध्यक्ष वकील दास को शो कॉज किया है. सभी पर लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन दल की प्रत्याशी अनुपमा सिंह के बजाय भाजपा प्रत्याशी ढुलू महतो को मदद करने व शिथिल रहने का आरोप है. इस पत्र के बाद धनबाद जिला झामुमो में घमासान तय माना जा रहा है. वहीं चारों को इस नोटिस प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा गया है. अन्यथा अनुशासनहीनता माना जायेगा.

किस पर क्या है आरोप :

सिंदरी से तीन बार विधायक रहे फूलचंद मंडल ने 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़ कर झामुमो की सदस्यता ली थी. फूलचंद मंडल 2019 में विधानसभा चुनाव लड़े और वह हार गये थे. उनके पुत्र धरनीधर मंडल भी भाजपा छोड़ झामुमो में शामिल हुए थे. वहीं फूलचंद मंडल और उनके पुत्र पर आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी ढुलू महतो को चुनाव से पूर्व विभिन्न अवसरों पर उन्हें जीत का आर्शीवाद दिया. उनके जीतने के बाद उन्हें अपने आवास में बुलाकर उन्हें मिठाई खिलायी. इतना ही नहीं उनके छोटे पुत्र आशीष मंडल, आपकी पत्नी व पुत्रवधु रीना मंडल ने भी बढ़-चढ़ कर ढुलू महतो का स्वागत किया और उनके साथ जीत का जश्न मनाया. जब राष्ट्रीय सुड़ी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष ने अपना ढाबा में कार्यक्रम किया. इसमें भाजपा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष घनश्याम ग्रोवर भी उपस्थित थे. इसमें सुड़ी समाज को भाजपा के पक्ष के मतदान की अपील की गयी. उस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी और और न ही उसका खंडन किया. इतना ही नहीं अपने गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव में कोई काम नहीं किया और चुनाव में पूरी तरह निष्क्रिय रहे. इन कार्यों से न सिर्फ पार्टी की छवि धूमिल हुई, पार्टी के हितों का नुकसान हुआ.

अशोक मंडल पर लगा निष्क्रिय रहने का आरोप :

केंद्रीय सदस्य अशोक मंडल पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगा है. पत्र के माध्यम से उन्हें बताया गया है कि 2024 लोकसभा चुनाव में पूरी तरह निष्क्रिय रहे. न सुड़ी समाज और न ही अन्य समाज के लोगों को गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में मत डलवाने का प्रयास किया. इसके परिणामस्वरूप गठबंधन प्रयासी को हार का सामना करना पड़ा. महानगर उपाध्यक्ष वकील दास पर भी भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगा है.

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