कोरोना, बारिश के चलते हर्ल प्रोजेक्ट में 9 महीने का विलंब, जानें सिंदरी उर्वरक संयंत्र से उत्पादन कब होगा शुरू
कोरोना व बारिश की वजह से हर्ल प्रोजेक्ट में 9 महीने का विलंब से शुरू होगा जिसकी उम्मीद अगले साल मार्च 2022 तक शुरू होगी. हालांकि कारखाना का कार्य लगभग 97 फीसदी पूर्ण हो चुका है.
रांची : हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के सिंदरी संयंत्र में खाद का उत्पादन मार्च 2022 तक शुरू हो जायेगा. कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन तथा इस वर्ष रह-रह कर हुई भारी बारिश ने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को नौ माह विलंबित कर दिया है. हालांकि कारखाना का कार्य लगभग 97 फीसदी पूर्ण हो चुका है. पाइपलाइन के जरिए यहां गैस भी पहुंच चुकी है.
बड़ी-बड़ी मशीनें इंस्टॉल की जा चुकी हैं. प्रोजेक्ट शुरू होने के साथ ही धनबाद ही नहीं, संयंत्र झारखंड की औद्योगिक तस्वीर भी बदल देगा.
भारी बारिश ने भी डाला खलल
एफसीआइएल सिंदरी के बंद खाद कारखाना की जगह हर्ल बनाने का निर्णय वर्ष 2016 में हुआ था. वर्ष 2018 में कारखाना के लिए टेंडर हुआ. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को बलियापुर में खाद कारखाना की नींव रखी थी. इस प्रोजेक्ट के मई 2021 तक पूर्ण कराने को कहा गया था. टेंडर में टेक्निप एवं एलएंडटी कंपनी को मई तक ही काम पूरा करने को कहा गया था.
हर्ल सिंदरी के जीएम हिम्मत सिंह चौहान के अनुसार, कारखाना में अमोनिया प्लांट का काम 98 फीसदी तथा यूरिया प्लांट का 97 फीसदी पूर्ण हो चुका है. कोरोना संकट तथा लगातार भारी बारिश के चलते इस प्रोजेक्ट का काम तय समय पर पूर्ण नहीं हो सका है. लेकिन मार्च 2022 तक हर हाल में यहां उत्पादन शुरू हो जायेगा.
हर्ल खुद बनायेगा बिजली
हर्ल सिंदरी कारखाना में पहले चरण में 3850 टन यूरिया का उत्पादन होगा. यहां 28.5 मेगावाट का पावर प्लांट चार्ज हो चुका है. हर्ल खुद ही बिजली का उत्पादन भी करेगा. अलग से पावर प्लांट भी बैठाया गया है. गैस आधारित यूरिया प्लांट के लिए यहां हल्दिया (प. बंगाल) से पाइपलाइन के जरिए गैस पहुंच चुकी है.
दिन-रात चल रहा निर्माण कार्य :
प्लांट का निर्माण कार्य 24 घंटे चल रहा है. इसके चलते सिंदरी की रौनक लौट गयी है. पांच हजार से ज्यादा मजदूर व कर्मचारी पाली में 24 घंटे कार्यरत हैं. कंपनी स्थायी कर्मियों की बहाली शुरू कर चुका है. अभी इंजीनियरों की बहाली हो रही है. यहां लगभग डेढ़ हजार कर्मियों के पद स्वीकृत हैं. हर्ल मुख्यालय समय-समय पर वैकेंसी निकाल नियुक्ति कर रहा है.
ग्रीन सिटी में बनेगी मेगा टाउनशिप
हर्ल अपने कर्मचारियों के लिए पूर्व में एफसीआइएल की तरफ से ग्रीन सिटी के रूप में चिह्नित जमीन पर स्मार्ट टाउनशिप बनायेगा. इसके लिए 15 एकड़ जमीन अलग रखी गयी है. जीएम श्री चौहान के अनुसार, टाउनशिप के लिए टेंडर हो चुका है. दो माह के अंदर काम शुरू हो जायेगा. सभी बहुमंजिला इमारतें बनेंगी. 400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली टाउनशिप में क्वार्टरों के अलावा पार्क, वॉकिंग पथ वगैरह भी होगा. यह क्षेत्र पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त है.
Posted by : Sameer Oraon