Jharkhand News, Dhanbad News धनबाद : बीसीसीएल की पाथरडीह कोल वाशरी में नयी रेलवे साइडिंग, ब्रिज और रेलवे ट्रैक के निर्माण में नियमों का उल्लंघन का मामला सामने आया है. निर्माण कार्य बीसीसीएल से भारत सरकार की कंपनी राइट्स लिमिटेड को मिला है. परंतु राइट्स ने उक्त कार्य को जयपुर (राजस्थान) की आउटसोर्सिंग कंपनी शिवाकृति इंटरनेशनल लिमिटेड को आवंटित कर दिया है.
जबकि शिवाकृति के पास न तो अपनी मशीनें हैं और न ही जरूरी वाहन. यहां तक कि उक्त कंपनी ने फर्जी चालान पर बालू, गिट्टी, चिप्स सहित अन्य सामग्री की खरीदारी कर, बिना किसी रोक-टोक के करोड़ों रुपये का भुगतान करा लिया है. इससे राज्य व केंद्र सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है. बताते चलें कि इस कार्य के लिए बीसीसीएल ने 2015 में टेंडर किया था. काम अभी जारी है.
एनआइटी के नियम व शर्तों के मुताबिक पाथरडीह रेलवे साइडिंग, ब्रिज तथा रेलवे लाइन बिछाने के कार्य को सब-कॉन्ट्रैक्ट नहीं करना था. परंतु कार्य में लगी आउटसोर्सिंग कंपनी शिवाकृति ने मेसर्स इको टेक इंफ्राबिल्ट प्राइवेट लिमिटेड के साथ सब कॉन्ट्रैक्ट कर लिया. परंतु राइट्स लिमिटेड ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पूछे गये प्रश्न के आलोक में यह उत्तर दिया कि उक्त कार्य तथा प्रावधान के अनुसार कोई भी सब कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया गया है.
शर्तों के अनुसार कार्य व कार्य स्थल में सभी हैवी मशीनरी, वाहन, टीपर, पे-लोडर, जेसीबी तथा अन्य वाहन आउटसोर्सिंग कंपनी के लगे होने चाहिए. अगर एजेंसी रेंट पर वाहन या मशीनरी लेती है, तो उसका एकरारनामा होना चाहिए. निविदादाता कंपनी द्वारा इसी विषय वस्तु से संबंधित शपथ पत्र भी लिया जाता है, लेकिन सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्किंग एजेंसी ने कार्यस्थल पर उपयोग होने वाली सभी हैवी मशीनरी, वाहन, टीपर, पेलोडर, जेसीबी आदि को दैनिकी पर लिया है. परंतु न तो एकरारनामा है और न ही रेंट से संबंधित जीएसटी की डिटेल.
जिला खनन कार्यालय गया के पत्रांक संख्या 1694, दिनांक 4 सितंबर 2019 एवं जिला खनन कार्यालय नवादा के पत्रांक 1503, दिनांक 23 सितंबर 2019 द्वारा संवेदक मेसर्स शिवाकृति, जयपुर को स्टोन चिप्स 1,10,945 सीएफटी, बालू 1,62,451 सीएफटी, स्टोन चिप्स 3,04,769 सीएफटी, डस्ट 2,89,583 सीएफटी की आपूर्ति की गयी है. परंतु सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला खनन कार्यालय गया व नवादा द्वारा ऐसा कोई चालान (पत्र) ही निर्गत नहीं किया गया है.
Posted By : Sameer Oraon