Jharkhand News : मैथन पावर लिमिटेड कंपनी के मैनेजमेंट ने विधायक अपर्णा समेत इन नेताओं पर लगाया गंभीर आरोप, कही दी ये बड़ी बात

एडीएम (विधि-व्यवस्था) चंदन कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय में सोमवार को हुई त्रिपक्षीय बैठक में जब एमपीएल प्रबंधन की तरफ से सुभाष चंद्र पांडेय ने कहा कि कंपनी में इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति के विरोध में गैरकानूनी तरीके से व्यावसायिक एवं भारी वाहनों के परिचालन के लिए स्थानीय विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, अरूप चटर्जी, अशोक मंडल प्रबंधन पर दबाव बनाते हैं, तो वहां मौजूद अधिकारी व अन्य लोग एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 9, 2021 10:53 AM

jharkhand news, Dhanbad news in hindi, Dhanbad political news धनबाद : निरसा से भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, मासस के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और झामुमो नेता अशोक मंडल सिस्टम तोड़कर गैरकानूनी तरीके से मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) में व्यावसायिक एवं भारी वाहनों के परिचालन के लिए दबाव बनाते हैं. इस कारण कंपनी में मैनेजमेंट सिस्टम नहीं बन पा रहा है. यह आरोप एमपीएल प्रबंधन ने लगाया है.

एडीएम (विधि-व्यवस्था) चंदन कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय में सोमवार को हुई त्रिपक्षीय बैठक में जब एमपीएल प्रबंधन की तरफ से सुभाष चंद्र पांडेय ने कहा कि कंपनी में इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति के विरोध में गैरकानूनी तरीके से व्यावसायिक एवं भारी वाहनों के परिचालन के लिए स्थानीय विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, अरूप चटर्जी, अशोक मंडल प्रबंधन पर दबाव बनाते हैं, तो वहां मौजूद अधिकारी व अन्य लोग एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे.

श्री पांडेय का कहना था कि दबाव के चलते मैनेजमेंट सिस्टम दुरुस्त नहीं हो पा रहा है. इससे अनावश्यक परेशानी होती है. अपने ऊपर आरोप लगते देख बैठक में मौजूद अशोक मंडल ने कहा कि मामले की जांच करा ली जाये. उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

नियमों की अनदेखी कर चल रहे वाहन : बैठक में तय हुआ कि एमपीएल में चल रहे सभी व्यावसायिक वाहनों एवं भारी वाहनों की जांच होगी. नियमों की अनदेखी कर चल रहे वाहनों के संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी से दो दिनों में रिपोर्ट मांगी गयी है. ऐसे वाहन संचालकों पर कार्रवाई की जायेगी. एडीएम (विधि-व्यवस्था) ने कहा कि यह गंभीर मामला है. इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है.

एमपीएल में चल रहे 1000 वाहन : जानकार बताते हैं कि अभी एमपीएल कंपनी में लगभग 900 हाइवा चल रहे हैं. इनमें से 300 से 400 हाइवा निरसा के ट्रांसपोर्टरों का है. बाकी बाहर के ट्रांसपोर्टरों का है. इसी तरह 100 से अधिक छोटे वाहन जैसे स्कॉर्पियो, बोलेरो आदि चलते हैं. इनमें भी निरसा के व्यापारियों के वाहनों की संख्या 30 से 40 ही है. ज्यादातर छोटे वाहन कॉमर्शियल की बजाय निजी वाहन के रूप में निबंधित हैं.

Posted By : Sameer Oraon

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