झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार की सदस्य सचिव, न्यायाधीश रंजना अस्थाना ने शुक्रवार को मंडल कारा धनबाद का निरीक्षण किया. इस दौरान न्यायाधीश ने पांच ऐसे बंदियों को चिह्नित किया, जिनकी उम्र 70 वर्ष है. वहीं तीन ऐसे बंदी भी मिले, जिन्हें गंभीर बीमारी है. 13 बंदी ऐसे मिले, जिन्हें देखने पर ऐसा लगा कि वह 70 वर्ष के आसपास होंगे. हांलांकि उनके पास उम्र से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं थे. लिहाजा न्यायाधीश ने उनके उम्र निर्धारण के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया. निरीक्षण के दौरान बंदी ऐसे थे, जो एचआइवी ग्रसित थे. न्यायाधीश के नेतृत्व में टीम ने कारागार के हर एक हिस्से का मुआयना किया. न्यायाधीश ने चिह्नित किये गये, बंदियों को मुक्त कराने के लिए समुचित कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद न्यायाधीश के नेतृत्व में टीम ने बंदियों से उनके स्वास्थ्य, इलाज, पेयजल, नास्ता, भोजन व मुकदमे में पैरवी के लिए अधिवक्ता होने अथवा न होने की जानकारी ली. कारागार अस्पताल में निरुद्ध बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें उच्च स्वास्थ्य सेंटर भेजे जाने का निर्देश जेल डॉक्टर को दिया. वहीं बंदियों को गर्म कपड़े, मोजा अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश अपर समाहर्ता सह जेल अधीक्षक विनोद कुमार को दिया. न्यायाधीश ने चिकित्सा सुविधाओं, पुस्तकालय, रसोई घर, वहां तैयार हो रहे भोजन, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और ध्यान-सह-योग केंद्र में सुविधाओं का जायजा लिया.
बंदियों की समस्या की ली जानकारी :
उन्होंने सभी बंदियों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं के बारे में पूछा. न्यायाधीश ने बंदियों को जेल मैनुअल के तहत मिलने वाली सारी सुविधाएं, उपलब्ध कराने का आदेश जेल प्रशासन को दिया. मौके पर सिटी एसपी अजीत कुमार ,अवर न्यायाधीश राकेश रोशन, धनबाद थाना प्रभारी, जेल डॉक्टर राजीव कुमार सिंह, मनोज कुमार गुप्ता, एलएडीसीएस चीफ कुमार विमलेंदु, डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक कांउसिल, शैलेन्द्र झा, सुमन पाठक, नीरज गोयल, कन्हैया लाल ठाकुर, स्वाति, मुस्कान, सिविल कोर्ट के सहायक अरुण कुमार, राजेश सिंह, अनुराग, डिपेंटी गुप्ता आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है