झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार व प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश राम शर्मा के निर्देश पर शुक्रवार को अवर न्यायाधीश राकेश रोशन, एलएडीसीएस चीफ कुमार विमलेंदु, डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक कांउसिल, शैलेन्द्र झा, सुमन पाठक, नीरज गोयल, कन्हैया लाल ठाकुर, स्वाति कुमारी, मुस्कान चोपड़ा के साथ धनबाद मंडल कारा का औचक निरीक्षण किया. न्यायाधीश ने जेल के हर बैरक में पहुंचकर वैसे बंदियों से बात की, जिन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा सजा हो चुकी है, परंतु किसी कारण से उनकी अपील झारखंड उच्च न्यायालय में दाखिल नहीं हो पायी है. न्यायाधीश ने कुल तीन वैसे बंदियों की पहचान कर उनकी ओर से अपील दाखिल करने का कार्रवाई शुरू करने का निर्देश अपने कार्यालय को दिया. वहीं एक महिला बंदी ने अपने बच्चों से बात करने की इच्छा जतायी. इस पर न्यायाधीश ने सीडब्ल्यूसी के सहयोग से महिला बंदी को उसके बच्चों से बात करायी. इसके बाद न्यायाधीश के नेतृत्व में टीम ने बंदियों से उनके स्वास्थ्य, इलाज, पेयजल, नाश्ता, भोजन व मुकदमे में पैरवी के लिए अधिवक्ता होने अथवा न होने की जानकारी ली. कारागार अस्पताल में निरुद्ध बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें उच्च स्वास्थ्य सेंटर भेजे जाने का निर्देश जेल डॉक्टर को दिया. न्यायाधीश ने चिकित्सा सुविधाओं, पुस्तकालय, रसोई घर, वहां तैयार हो रहे भोजन, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और ध्यान-सह-योग केंद्र में सुविधाओं का जायजा लिया. बंदियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में पूछा. न्यायाधीश ने बंदियों को जेल मैनुअल के तहत मिलने वाली सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश जेल प्रशासन को दिया. इस मौके पर सिविल कोर्ट के सहायक अरुण कुमार ,राजेश सिंह, चंदन कुमार समेत जेल के पदाधिकारी उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है