धनबाद-जामताड़ा जिले की सीमा पर आज से होगा करमदाहा मेला का आयोजन, स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान करेंगे उद्घाटन
Makar Sankranti 2025: मकर संक्राति के मौके पर हर साल करमदाहा मेले का आयोजन होता है. यह मेला धनबाद-जामताड़ा जिले की सीमा पर लगता है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी आज इसका उद्घाटन करेंगे.
धनबाद, (भागवत दास, पूर्वी टुंडी): हर साल मकर संक्रांति के मौके पर धनबाद-जामताड़ा जिले की सीमा पर ऐतिहासिक करमदाहा मेला आयोजित किया जाता है. यह धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का अद्वितीय आयोजन है. मेला 400 साल पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए आज भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का दिल जीतता है. घांटी स्टेट के राजाओं द्वारा शुरू किया गया यह मेला अपनी पौराणिक मान्यताओं और आस्था को संरक्षित रखे हुए है. मकर संक्रांति के मौके पर शुरू होने वाला यह मेला 30 जनवरी तक चलेगा. जामताड़ा विधायक सह राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी मंगलवार को इसका उद्घाटन करेंगे. मेले में सभी दुकानें व मनोरंजन के साधन सज चुके हैं.
लोहे के सामान और बर्तन की जमकर होती है खरीदारी
करमदाहा मेला में लोहे की बनी वस्तुओं और बर्तनों के लिए खास होता है, इसलिए खरीदारी के लिए खेती-किसानी करने वाले लोग और महिलाओं की अच्छी-खासी भीड़ उमड़ती है. मेले में झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों के दुकानदारों के अलावा बंगाल और ओडिशा से भी दुकानदार दुकान लगाने पहुंचते हैं.
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मनोरंजन के भी कई नये विकल्प होंगे
मौत का कुआं, झूला, ब्रेक डांस, सर्कस, नौका झूला, अप्पू घर, ड्रैगन राइड, मीना बाजार के अलावा कई आकर्षक दुकानें भी मेले में दिखेंगी.
बाबा दुखिया मंदिर के प्रांगण में होता है आयोजन
करमदाहा मेला का आयोजन बाबा दुखिया मंदिर के प्रांगण में होता है, जो क्षेत्र की धार्मिक आस्था का केंद्र है. मकर संक्रांति पर श्रद्धालु यहां पवित्र स्नान करते हैं और बाबा दुखिया के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. मेला का आयोजन 17वीं शताब्दी से हो रहा है. प्राचीन समय में यह मेला राजाओं के मनोरंजन और शिकार क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध था. लेकिन अब यह धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख स्थल बन चुका है.