20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

41 वर्षों बाद बिक गया गोविंदपुर का खालसा होटल

धनबाद छोड़ते वक्त भावुक हुए शेरा सिंह और उनके परिजन, विदा करने आये लोगों की आंखें थीं नम, कहा : आप याद आयेंगे

गोविंदपुर.

कोयलांचल में अपनी अलग पहचान रखने वाला गोविंदपुर का खालसा होटल शुक्रवार को बिक गया. शेरा सिंह उर्फ गुरुचरण सिंह ने प्रखंड के रतनपुर स्थित अपने प्रसिद्ध न्यू खालसा होटल व खालसा वेजिस को धनबाद के जोड़ा फाटक रोड स्थित संधू कॉलोनी निवासी इकबाल सिंह उर्फ राजू सरदार को बेच दिया. ना केवल होटल, बल्कि शेरा सिंह ने अपना मकान भी बेच दिया. खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पूरी होने के साथ शुक्रवार को ही नये मालिक इकबाल सिंह ने होटल व घर का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया, वहीं दूसरी ओर शेरा सिंह अपने पूरे परिवार के साथ रात की ट्रेन से पंजाब रवाना हो गये. होटल व मकान के बिकने की खबर सुन सभी दंग हो गये. इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा होती रही. कोई इसे रंगदारी से जोड़ कर देख रहा हैं, तो कुछ लोग इसे पारिवारिक विवाद का हिस्सा बता रहे हैं.

भावुक हुए शेरा सिंह, तो लोगों की आंखें थीं नम :

होटल की बिक्री की खबर सुन शुक्रवार को भारी संख्या में शेरा सिंह को जानने वाले वहां पहुंचे. वहां जब उनका पता चला कि ना सिर्फ होटल व घर की बिक्री हुई है, बल्कि शेरा सिंह सपरिवार धनबाद छोड़ कर जा रहे हैं, तो सब भावुक हो गये. सबकी आंखें नम थीं. जहां शेरा सिंह कुछ बोल नहीं पा रहे थे, वहीं उनकी पत्नी चुप थीं. परिवार के अन्य सदस्य भी मौन थे. वहां पहुंचे लोग भी भावुक हो गये. सबका कहना था कि वो शेरा सिंह को भूल नहीं पायेंगे, वहीं श्री सिंह ने कहा कि धनबाद हमेशा याद आयेगा.

शुक्रवार रात ट्रेन से हुए पंजाब रवाना :

होटल व घर की रजिस्ट्री करने के बाद होटल मालिक गुरुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह अपनी पत्नी बलवंत कौर, दो बेटों रणजीत सिंह व तरणजीत सिंह समेत पूरे परिवार के साथ शुक्रवार की रात लुधियाना के लिए रवाना भी हो गये. सनद रहे श्री सिंह अपने दो पुत्रों के साथ के इस होटल का संचालन कर रहे थे. सनद रहे 1983 में उन्होंने पंजाब के रहने वाले काका सिंह से दो लाख 65 हजार में इस होटल को खरीदा था. करीब 41 वर्षों तक इस होटल का उन्होंने बेहतर संचालन किया. इस होटल के साथ ही रतनपुर का भी विकास हुआ. खालसा होटल के कारण ही रतनपुर में कई अन्य होटल भी खुले और रतनपुर इलाके की पहचान अलग बनी.

गुजरने वाले हर व्यक्ति की पसंद था होटल :

इस होटल की खासियत है कि यहां रात में भी महिलाएं बेधड़क आती थीं. उनके फ्रेश होने व सुरक्षा की व्यवस्था होने के कारण यह उनकी पहली पसंद है. कोलकाता से लेकर दिल्ली तक से आने-जानेवाली गाड़ियां यहां रुकती थीं और लोग खाना खाते थे. जीटी रोड पर स्थित इस होटल में सुप्रीम कोर्ट के जज, फिल्म जगत की कई हस्तियों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का भी आगमन हुआ है. इसके पीछे गुरुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह की मेहनत थी.

बड़े हादसे का शिकार हुआ था परिवार :

ऐसे नहीं था कि शेरा सिंह के जीवन में हमेशा खुशी के पल आये. 24 फरवरी 2004 को कश्मीर में एक सड़क दुर्घटना हुई. इस हादसे में अपने दो युवा पुत्रों गुरमीत सिंह और हरमीत सिंह को शेरा सिंह ने गंवा दिया. इस घटना में वो टूट चुके थे. इस बीच उनके मंझले और छोटे पुत्र रणजीत सिंह और तरनजीत सिंह ने धनबाद आकर होटल कारोबार संभाला. इस दौरान भी उन्होंने धनबाद छोड़ने का मन बनाया था, पर धनबाद का प्यार उन्हें रोक लिया था. अब यह परिवार चंडीगढ़ व लुधियाना में अलग-अलग स्थान पर बसेगा और कारोबार करेगा. होटल परिसर की बिक्री शेरा सिंह की पत्नी बलवंत कौर ने, जबकि मकान की बिक्री उनके बेटे तरनजीत सिंह ने की है.

प्रिंस खान के गुर्गों ने रंगदारी के लिए की थी फायरिंग :

वर्ष 2023 में गैंगस्टर प्रिंस खान के कारण भी यह होटल चर्चा में रहा. उसके गुर्गों ने 10 सितंबर को न्यू खालसा होटल पर रंगदारी के लिए गोलीबारी की थी. रंगदारी के लिए पर्चा भी छोड़ था. इसके कुछ ही दिनों बाद पुनः भयभीत करने के लिए बम भी फेंका था. बम व गोलीबारी की घटना के बाद उनका परिवार काफी भयभीत हो गया था. कई महीने तक पुलिस की सुरक्षा में न्यू खालसा होटल व खालसा वेजिस का संचालन किया गया था.

समाजसेवा में सबसे आगे रहा शेरा सिंह का नाम :

कोयलांचल में समाजसेवा के क्षेत्र में सबसे चर्चित नाम रहा गुरुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह का. एक समय जीटी रोड पर कोई भी सड़क दुर्घटना होने पर शेरा सिंह का काम घायलों को अस्पताल पहुंचाना और उनकी मदद करना होता था. उस दौर में 108 एंबुलेंस या अन्य सरकारी एंबुलेंस नहीं होते थे. घायलों को निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाना पड़ता था. शेरा सिंह अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाते थे, फिर उन्होंने लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया था और गोविंदपुर थाना इलाके में मिलने वाले अज्ञात लाशों का अंतिम संस्कार वह अपने खर्च पर करते थे. गोविंदपुर में शेरा सिंह ने स्वच्छ एवं सुंदर मोक्ष धाम बनाया. यहां ना केवल गोविंदपुर बल्कि धनबाद के भी लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने आते हैं. हाल के दिनों में इस घाट में और पक्की छावनी का निर्माण कराया है, ताकि घाट आने वाले लोगों को बैठने में कोई परेशानी नहीं हो. अपनी ओर से लाइट भी लगवाए हैं. अब यहां रात में भी अंतिम संस्कार में कोई परेशानी नहीं होती है. इसके अलावा उन्होंने रतनपुर में दो मंदिर और करमाटांड़ कब्रिस्तान में भी छावनी का निर्माण अपने खर्च पर कराया. उनका सबसे महत्वपूर्ण काम झारखंड, बिहार और बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में शव रखने के लिए फ्रीजर उपलब्ध कराना है.

बोले नये मालिक: खालसा का गुडविल चलता रहेगा :

खालसा होटल के नये मालिक इकबाल सिंह उर्फ राजू सरदार ने कहा कि इस होटल का अपना गुडविल है. यह होटल पूर्व की तरह ही चलता रहेगा. ग्राहकों के भरोसा को कायम रखा जायेगा. इसको लेकर किसी को सशंकित होने की आवश्यकता नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें