फिरौती के लिए अपह्रत ऑटो ड्राइवर सुसनीलेवा से बरामद

अपराधियों ने बुक किया ऑटो और कर लिया था चालक का अपहरण

By Prabhat Khabar News Desk | June 1, 2024 11:37 PM

वरीय संवाददाता, धनबाद,

धनबाद थाना क्षेत्र के बरटांड़ दास टोला निवासी ऑटो ड्राइवर अपहृत संतोष कुमार दास (35) शनिवार को सुसनीलेवा से बरामद कर लिया गया है. शुक्रवार को उसका अपहरण हुआ था. उसे किसी गुप्त स्थान पर छिपा कर रखा गया. अपहर्ताओं ने संतोष के मोबाइल से ही उसके भाई को फोन कर 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. देर रात मामले की मिली जानकारी पर पुलिस रेस हो गयी. घटना की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी एचपी जनार्दनन के आदेश पर एक टीम का गठन किया गया. धनबाद थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय टीम को लीड कर रहे थे. अपहर्ताओं ने शनिवार की अहले सुबह फिरौती की रकम लेकर पूर्वी टुंडी लटानी के निकट एक पुल के पास बुलाया था. वहां पुलिस को देख अपराधी फरार हो गये. दूसरी तरफ अपहृत ऑटो ड्राइवर सुसनीलेवी से खुद निकल गया और परिवार वालों को फोन कर घटना की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने उसे सुसनीलेवा से बरामद किया है. इस संबंध में धनबाद थाना में अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया है. संतोष कुमार दास ने बताया कि वह शाम को लगभग पांच बजे अपना ऑटो लेकर निकला था. रणधीर वर्मा चौक के आगे प्रेम गली के पास दो व्यक्ति मिले और अपने परिवार को बरवाअड्डा के पांडेयवरवा से गोविंदपुर लाने के लिए ऑटो को बुक किया. ऑटो लेकर वह जैसे ही बरवाअड्डा की तरफ बढ़ा, उसका अपहरण कर लिया गया. दोनों अपराधियों ने पहले उसे पिस्टल सटाया. इसके बाद चाकू लेकर उनके कुछ और साथी आ गये. किसी अंधेरे वाले कमरे में ले गये और मारपीट कर हाथ-बांध कर रख दिया.

50 लाख रुपये मांगी फिरौती, 15 लाख हुआ तय :

संतोष दास के भाई दिनेश दास ने बताया कि संतोष के मोबाइल से छोटे भाई रवि दास को फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को वासेपुर के फरार अपराधी बताया. कहा : 50 लाख रुपये दो, नहीं तो उसे मौत के घाट उतार देंगे. अपराधियों ने संतोष से भी बात करायी. अपराधियों को बताया गया कि, इतना पैसा नहीं है, तो उन्होंने गाली-ग्लौज शुरू कर दी और फोन काट दिया. इसके बाद कई बार फोन आया. अंत में अपराधी 15 लाख रुपये लेकर संतोष को छोड़ने पर राजी हो गये.

पैसे लेकर रात भर घुमाते रहे अपराधी :

दिनेश दास ने बताया कि मामले की जानकारी एसएसपी को दी. इसके बाद धनबाद पुलिस रेस हुई. 15 लाख रुपये हमलोग जुगाड़ कर लिये थे. इस बीच रात में 12 बजे के आसपास अपराधियों का फोन आया. उन्होंने सुसनीलेवा स्थित एक बड़े स्कूल के पास बुलाया. पुलिस के साथ पूरा परिवार एक साथ रुपये लेकर गया, लेकिन वहां कोई नहीं था. फिर रात में फोन कर कहा कि पूर्वी टुंडी की लटानी के निकट एक पुल के पास आओ, वहां तुम्हारा भाई मिल जायेगा. वहां पहुंचे, वहां पुलिस भी सादे लिबास में थी. वहां अपराधियों ने कहा कि पुल के नीचे रुपये से भरा बैग फेंक दो. वहां पर दो अपराधी मौजूद थे. हमलोगों ने पुल के ऊपर से नीचे रुपये से भरा बैग फेंक दिया. इसके बाद पुलिस इन लोगों को पकड़ने के लिए दौड़ी, तो दोनों अपराधी जंगल के रास्ते गांव में घुसे और पैदल ही भाग गये. पुलिस को वहां से एक मोबाइल फोन हाथ लगा.

सुसनीलेवा में हाथ-पैर बांधकर रखा गया था संतोष :

संतोष ने बताया कि एक अंधेरे घर में आंख पर पट्टी और पैर हाथ बांध कर उसे रखा था. इस दौरान सात से आठ लोग थे. सभी ने मारपीट भी की. सुबह में किसी तरह मैंने अपनी आंख की पट्टी हटायी, तो पाया कि कोई नहीं है. उसके बाद किसी तरह से हाथ-पैर की रस्सी खोल बाहर निकलकर भाग गया. बाहर आकर देखा कि मैं सुसनीलेवा हूं. तुरंत गांव के एक युवक का फोन लेकर अपने भाई को कॉल किया.

लोकल लोगों का हाथ :

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में कई लोकल लोगों का हाथ है. धनबाद थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर प्रमोद पांडेय ने बताया कि कुछ अपराधियों की जानकारी मिली है पुलिस उसी के आधार पर लगातार छापामारी कर रही है. उम्मीद है कि अपराधी जल्द ही पकड़े जायेंगे.

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