आइसीएमआर से अनुमति के बाद ही बन पायेगा कोविड हॉस्पिटल

टाटा जामाडोबा अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने का मामला फिर अधर में लटक गया है. इसके चलते टाटा जामाडोबा के कोविड पॉजिटीव कर्मियों को केंद्रीय (कोविड) अस्पताल से शिफ्टिंग का मामला भी फंस गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2020 5:46 AM

धनबाद : टाटा जामाडोबा अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने का मामला फिर अधर में लटक गया है. इसके चलते टाटा जामाडोबा के कोविड पॉजिटीव कर्मियों को केंद्रीय (कोविड) अस्पताल से शिफ्टिंग का मामला भी फंस गया. अब अगले आदेश तक उन्हें यहीं पर उपचार कराना होगा.सूत्रों के अनुसार टाटा जामाडोबा प्रबंधन अपने कर्मियों को जामाडोबा अस्पताल में शिफ्ट कराना चाह रही थी.

टाटा के सात पॉजिटिव कर्मियों को विशेष परिस्थिति में टीएमएच जमशेदपुर शिफ्ट किया गया है. अभी भी टाटा जामाडोबा के 27 कर्मी धनबाद के सरकारी कोविड अस्पताल में भर्ती हैं. सोमवार को 13 पॉजिटिव कर्मियों को जामाडोबा अस्पताल ले जाया गया था.

लेकिन, फिर देर रात प्रशासन ने सभी को वापस धनबाद के कोविड अस्पताल में शिफ्ट करा दिया. उपायुक्त अमित कुमार ने साफ किया था कि किसी भी कोविड पॉजिटिव मरीज का उपचार गैर कोविड अस्पताल में नहीं होगा. इसके बाद टाटा जामाडोबा अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. लेकिन, इसके लिए आइसीएमआर एवं केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तय मानक को पहले पूर्ण करने व अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने को कहा गया.

कोविड अस्पताल बनने की संभावना क्षीण : अधिकृत सूत्रों के अनुसार टाटा जामाडोबा अस्पताल के कोविड अस्पताल के रूप में अधिसूचित होने की संभावना क्षीण हो गयी है. कोविड अस्पताल की शर्तों के अनुसार जितने बेड का अस्पताल बनेगा, उसका 10 प्रतिशत बेड का आइसीयू रखना होगा.

साथ ही कोविड के लिए अधिसूचित बेड में गैर कोविड मरीज का उपचार नहीं हो सकता. टाटा जामाडोबा अस्पताल की क्षमता उतनी नहीं है कि सभी कोविड पॉजिटिव मरीज का उपचार हो सके. डीजीएमएस के कोविड पॉजिटीव मिले अधिकारियों को भी जामाडोबा अस्पताल में ही शिफ्ट कराने की योजना थी. फिलहाल, वह भी टल गयी है.

Posted by : Pritish Sahay

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