dhanbad news: राजकीय लाइब्रेरी: रोज आते हैं तीन सौ से अधिक विद्यार्थी, नहीं मिलती बैठने की जगह

धनबाद के राजकीय लाइब्रेरी में संसाधनों की कमी से यहां पढ़ने आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है. लाइब्रेरी में छात्रों के बैठने के लिए बेहतर फर्नीचर के साथ बैठने के लिए कुर्सियों की भी कमी है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को लंबा इंतजार करना पड़ता है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 26, 2024 12:57 AM

धनबाद.

धनबाद के गोल्फ ग्राउंड के पास स्थित राजकीय लाइब्रेरी में संसाधनों की कमी से यहां पढ़ने आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है. लाइब्रेरी में छात्रों के बैठने के लिए बेहतर फर्नीचर के साथ बैठने के लिए कुर्सियों की भी कमी है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को लंबा इंतजार करना पड़ता है. यह लाइब्रेरी सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक संचालित होती है. यहां रोजाना 300 से अधिक बच्चे पढ़ने आते हैं. उनके लिए बैठने की बड़ी समस्या है. ऐसे में कभी-कभी कई छात्र जमीन पर बैठ कर पढ़ते हैं. यहां पर्याप्त जगह नहीं होने से कर्मचारियों को छात्रों को देर से आने के लिए कहना पड़ता है. यहां पीने के पानी की भी समस्या है. लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले छात्रों ने बताया कि वे लोग महंगी होने की वजह से प्राइवेट लाइब्रेरी नहीं जा सकते है. ऐसे में वे यहां पढ़ने आते हैं. लाइब्रेरी में लगभग 57 हजार किताबें भी है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या बैठने की है. साथ ही पीने के लिए पानी और लाइट की भी दिक्कत होती है. प्रशासन इस ओर ध्यान दे तो छात्रों को पढ़ने में सुविधा होगी.

सालों से नहीं हुई है दीवारों की मरम्मत :

लाइब्रेरी की दीवारों की मरम्मत कई सालों से नहीं की गयी है. ऐसे में दीवारों पर सीलन आ गया है. बाहर से दीवारों पर पेंट तो किया गया है मगर सीलन के कारण पेंट उखड़ने लगा है. सीलन के कारण बदबू भी आती है. लाइब्रेरी में लाइट की भी कमी है. छात्रों को कम रोशनी में पढ़ना पड़ता है.

मात्र 74 रुपये है नामांकन शुल्क :

राजकीय लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए छात्रों को नामांकन के समय 74 रुपये जमा करने पड़ते हैं. इसमें 50 रुपये सिक्युरिटी मनी व 24 रुपये सालाना फीस होती है. आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए इतनी कम राशि निर्धारित की गई है. इसके बावजूद छात्र यहां जगह नहीं होने की वजह से नहीं आ पाते हैं, जो हैं उन्हें बैठने के लिए सीट नहीं मिल पाती है. दूर से आने वाले छात्रों के लिए यह एक बड़ी समस्या है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version