गंगा मैया की कृपा से बेटा फिर लौटेगा घर, कुंभ के मेले में 27 साल बाद बेटे को देखकर मां ने साझा की दुखभरी दास्तां
Mahakumbh 2025: मां फुलवर्ना देवी ने अपने बेटे गंगा सागर यादव को देखकर कहा है कि वह फिर से अपने घर लौटेगी. गंगा सागर यादव अपने परिजनों को पहचानने से इंकार कर दिया है.
धनबाद : धनबाद के गंगासागर यादव की कहानी आपने जरूर पढ़ी होगी. परिवार वालों का दावा है कि वह अब अघोरी बन चुका है, जो 27 साल पहले घर छोड़ चुका था. लेकिन उनकी मां फुलवर्ना देवी को उम्मीद है कि वह अपने बेटे का मुंह फिर से देख सकेंगी. उन्होंने प्रभात खबर से बातचीत में कहा है कि उनका बेटा गंगा मैया की कृपा से फिर से लौट आएगा.
गंगासागर यादव ने छोड़ दिया था 27 साल पहले अपना घर
धनबाद के भूली हॉल्ट के समीप रहने वाली फुलवर्ना देवी के ने बताया कि उनका बेटा गंगासागर यादव 27 साल पहले घर छोड़ कर कहीं चला गया था. वह बताती है कि तब उसकी बहू धनवतो देवी पांच माह की गर्भवती थी. जबकि उनका बड़ा बेटा कमलेश कुमार यादव साल का था. बेटा गंगासागर के घर छोड़ने के बाद काफी खोजबीन की गई लेकिन वह नहीं मिला. परिवार ने थक हार कर आस छोड़ दी थी.
माता फुलवर्ना देवी का दावा- टूटे हाथ के वजह से हुई बेटे की पहचान
गंगा सागर की मां फुलवर्ना देवी आगे कहती है कि उनके बेटे का भतीजा कुछ दिन पहले महाकुंभ में स्नान करने गया था. उसी वक्त वह उसे पहचान लिया और इसकी जानकारी परिजनों को दी. उन्होंने उसके साथ गंगासागर की एक तस्वीर भी भेजी. फोटो देखकर उनकी पत्नी ने अपने पति पहचान लिया. माता फुलवर्ना देवी का यह भी कहना है कि उनके बेटे का एक हाथ टूटा हुआ है जिससे उनकी पहचान हुई. वह बताती है कि उनकी पत्नी धनोवती देवी ने उनसे घर चलने के लिए लाख मिन्नतें की लेकिन वह नहीं माना. उनके बेटे ने अपनी पत्नी को भी पहचानने से इंकार कर दिया.
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पत्नी धनवतो देवी का दावा- अघोरी महिला ने उनके पति को वश में कर लिया है
इस संबंध में गंगासागर की पत्नी धनवतो देवी ने कहा कि जो बाबा अघोरी के रूप में हमें मिले वह उनके पति गंगा सागर यादव ही हैं. उन्होंने कहा कि वह अपनी पति को पहचान चुकी हैं. लेकिन एक अघोरी महिला ने उनके पति को अपने वश में कर लिया है. इस वजह से वह झूठ बोल रहे हैं. वह बनारस में पत्नी और दस साल के बेटे होने की बात कह रहे हैं, जो सरासर झूठा है.
क्या कहा है गंगासागर यादव के पुत्र ने
वहीं, गंगासागर के पुत्र विमलेश कुमार यादव ने कहा कि महाकुंभ प्रयागराज में उनकी मां ने जिस अघोरी बाबा की पहचान की है. मेरे पिता ने जो बातें कही हैं वह झूठ है. वे अघोरी बाबा बनने का ढोंग कर रहे हैं. अगर डीएनए टेस्ट करायी जाए तो सच सामने आ सकता है.