धनबाद : महाशिवरात्रि आज कोयलांचल के शिवालयों में की गयी खास तैयारी, निकलेगी भोले की बारात

साधक भगवान शंकर की पूजा के समय शुद्ध आसन पर बैठकर पहले आचमन करें, यज्ञोपवित धारण कर शरीर शुद्ध करे, आसन की शुद्धि करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2024 5:20 AM

धनबाद : आठ मार्च को महाशिवरात्रि है. महादेव की पूजा के लिए कोयलांचल के शिवालयों में खास तैयारी की गयी है. किसी शिवालय में चार पहर की पूजा, तो कहीं विशेष शृंगार और कहीं रुद्राभिषेक होगा. कुछ जगहों से धूमधाम से बारात निकालने की तैयारी की जा रही है.शिवालयों में खास

भुईफोड़ मंदिर : भुईफोड़ मंदिर में सुबह चार बजे मंगला आरती के बाद मंदिर का दरवाजा खोल दिया जायेगा. यहां चार पहर की पूजा होगी. पहले पहर की पूजा संध्या आरती के बाद सात बजे दूध से होगी. दूसरे पहर की पूजा रात्रि 10 बजे दही से, तीसरे पहर रात्रि एक बजे घी से व चौथे पहल की पूजा सुबह चार बजे मधु से की जायेगी. महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया जायेगा.

त्रिमूर्ति मंदिर : त्रिमूर्ति मंदिर के पुजारी नरेश पांडे ने बताया कि आकर्षक विद्युत सज्जा करने के साथ ही पूरे मंदिर में पुष्प सज्जा की जायेगी. अपराह्न तीन बजे मंदिर परिसर से बाबा भोले की बारात निकाली जायेगी. बारात में मुहल्ले के बच्चे भूत, बेताल, भगवान शिव, माता पार्वती को वेश शामिल होंगे. इसके बाद भंडारा होगा. रात्रि में बाबा भोलेनाथ की माता पार्वती के साथ विवाह कराया जायेगा. समिति के सदस्यगण सक्रियता से लगे हैं.

वनस्थली कॉलोनी शिव मंदिर : वनस्थली कॉलोनी शिव मंदिर में सुबह से पूजा अर्चना शुरू हो जायेगी. संध्या में बाबा की बारात धूम धाम से निकाली जायेगी. मुहल्ले के बच्चे बाबा के बाराती बनेंगे. बारात में मुहल्लेवासी भी शामिल होंगे. बारात भूईफोड़ मंदिर से वापस लौटेगी. शिव मंदिर समिति के सदस्यगण बारात का स्वागत करेंगे. रात्रि में शुभ विवाह होगा. उसके बाद महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा. यह जानकारी समिति के सदस्य मुकेश रंजन ने दी. कार्यक्रम की सफलता के लिए समिति के सभी सदस्यगण सक्रियता से लगे हैं.

खड़ेश्वरी मंदिर : खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी मनोज पांडे ने बताया कि मंदिर सुबह से ही खुल जायेगा, बाबा भोलेनाथ को पंचामृत दूच, थी, मधु गंगाजल, ईख के रस से स्नान कराया जायेगा. उनका शृंगार अकवन व रजनीगंधा के फूलों व भांग से किया जायेगा. सिरमौर चढ़ाया जायेगा. महिला भजन मंडली कीर्तन करेगी. रात्रि में पार्वती मां के संग विवाह होगा.

अजनि लला मंदिर : अंजनि लाला मंदिर डीएस कॉलोनी मोड़ के पुजारी लव कुमार तिवारी बताते हैं कि बाबा को हल्दी चढ़ेगी. मटकोर होगा, बाबा व मैय्या पार्वती की मूर्ति रूप को सजाकर तिलक की रस्म अदा की जायेगी. मैया पार्वती को लगन चढ़ाने के बाद मेहंदी लगायी जायेगी. संध्या में मंदिर परिसर से धूमधाम से बरात निकाली जायेगी, जो नगर भ्रमण के बाद मंदिर पहुंचेगी, यहां बारातियों का स्वागत किया जायेगा. रात्रि में शुभ विवाह संपन्न होगा.

शक्ति मंदिर : जोड़ाफाटक स्थित शक्ति मंदिर में मंदिर परिसर में बाबा भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया जायेगा. पूजा के यजमान राजीव सचदेवा व उनकी पत्नी नीलम सचदेवा होंगी. रुद्राभिषेक में कमेटी के सदस्यों के अलावा भक्तगण शामिल होंगे. इसके बाद बाबा का अभिषेक 1001 बेलपत्र से किया जायेगा, पंचामृत से स्नान कराने के बाद भस्म, भांग व अकवन के फूल से बाबा का शृंगार किया जायेगा. वेदाचार्य रमेश चंद्र त्रिपाठी व बद्रीनाथ पांडे के आचार्यत्व में रूद्राभिषेक होगा. फलाहार का प्रसाद वितरित किया जायेगा. संध्या में भजन कीर्तन होगा.

ऐसे करें पूजन : साधक भगवान शंकर की पूजा के समय शुद्ध आसन पर बैठकर पहले आचमन करें, यज्ञोपवित धारण कर शरीर शुद्ध करे, आसन की शुद्धि करें. पूजन-सामग्री को यथास्थान रखकर रक्षादीप प्रज्ज्वलित कर ले. चारों पहर में पूजा करने का विशेष महत्व होता है. चार पहर का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय और सूर्य उदय से पहले का समय, इस समय भोलेनाथ की आराधना करने से वह शीघ्र प्रसन्न होते हैं. शिवरात्रि के दिन सुबह स्नानादि कर घर के मंदिर में भोलेनाथ का आह्वान कर व्रत का संकल्प ले. पूजा करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए, ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करे. पूजा की शुरुआत गणेश जी से करें और उसके बाद शिव जी का पूजन शुरू करें. गंगाजल फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से शिवजी की पूजा करनी चाहिए.

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