सुहागिनों का पावन त्योहार करवा चौथ रविवार को कोयलांचल में उत्साह के साथ मना. सुहागिनों ने दिनभर निर्जला रहकर संध्या में सोलह शृंगार किया. चौथ माता की विधि विधान से पूजा अर्चना की और अखंड सुहाग का आशीष मांगा. शक्ति मंदिर में चार बजे से ही सुहागिनें सुहाग थाल लेकर पहुंचने लगी. 251 सुहागिनों ने मंदिर में पूजा अर्चना की. मंदिर में सुहागिनों की भीड़ को देखते हुए कई राउंड में पूजा हुई. मारवाड़ी, पंजाबी के साथ ही अन्य समुदाय की सुहागिनों ने भी विधि-विधान से करवाचौथ की पूजा की. चौथ माता से सदा सुहागन रहने का आशीष मांगा.
सामूहिक रूप से हुई करवाचौथ की पूजा :
सामूहिक रूप से सुहागिनों को करवाचौथ की पूजा करायी गयी. कथकहनी जानकी शर्मा ने माता रानी के जयकारे के साथ पूजा प्रारंभ की. सुहागिनों ने चौथ माता का आह्वान किया. चौथ माता की कथा पूरे आस्था के साथ सुना. इसके बाद सुन पैन प्यारी वीरा चन्न चढे ते पानी पीवां, धूम चड़कड़ा फेरी ना, सूई बीच धागा पावी ना, सुतड़ा जगावी ना, रूठड़ा मनावी ना, लै पैन प्यारी करवड़ा, लै सर्व सुहागन करवड़ा इन गीतों पर सुहागिनों ने सात बार सुहाग थाल फेरे. सुहाग थाल फेरे. चांद निकलने पर चांद को अर्घ्य देने के बाद अपने पति का चेहरा छलनी में देखकर पति के हाथों जल ग्रहण कर सुहागिनों ने व्रत खोला. टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित सीता निवास में सुहागिनों ने चौथ माता की पूजा कर कथा सुनी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है