सुहागिनों ने की वट देवता की पूजा, मांगा अखंड सुहाग का आशीष
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री पूजा की जाती है.
उपमुख्य संवाददाता, धनबाद,
गुरुवार को सुहागिनों का पावन पर्व वट सावित्री पूजा कोयलांचल में हर्षोल्लास से मनायी गयी. सुहागिनों ने उपवास रख वट देवता की पूजा की और अखंड सुहाग का आशीर्वाद मांगा. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री पूजा की जाती है. सुहागिनें सोलह शृंगार कर वट वृक्ष के नीचे पहुंचीं और वट देवता की पूजा कर पुरोहित से सावित्री सत्यवान की कथा सुनीं. साथ ही, सात, ग्यारह या तेरह बार वट वृक्ष की परिक्रमा की. इसके बाद बांस के पंखे से वट देवता को शीतल हवा कर सुहाग की सलामती, परिवार की समृद्धि और खुशहाली का वरदान मांगा. पूजा के बाद सुहागिनों ने अपने जुड़े में बरगद का पत्ता लगाया. एक दूजे को सिंदूर लगा कर सदा सुहागिन रहने की कामना की. घर पहुंच पति की आरती उतारी, बांस के पंखे से शीतल हवा कर जीवन में सदा शीतलता बनी रहे, इसकी प्रार्थना की. उसके बाद प्रसाद दिया.इन जगहों पर हुई पूजा :
खड़ेश्वरी मंदिर, विकास नगर, बैंकमोड़, हाउसिंग कॉलोनी, विनोद नगर, पुलिस लाइन मनईटांड़, बरमसिया, पुराना बाजार, बरटांड़, चीरागोड़ा, भूईंफोड़ मंदिर, जगजीवन नगर.यह भी पढ़ें
मां भवतारिणी मंदिर में हुई मां काली की आराधना
धनबाद.
पथराकुल्ही मनईटांड़ स्थित भवतारिणी मंदिर में फलहारिनी अमावस्या पर मंदिर में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम गुरुवार को संपन्न हो गया. मंदिर के पुजारी तरुण गोस्वामी ने बताया : प्रत्येक वर्ष जेठ अमावस्या के दिन फलहारिनी काली की पूजा की जाती है. पुरानी प्रतिमा को विसर्जित कर मां काली की नयी प्रतिमा विधि विधान से स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है. वर्द्धमान से आये हुए पुरोहित धनंजय चक्रवर्ती व उनके सहयोगी से पूजा करायी गयी. निशि रात्रि में काली पूजा करने के बाद दूसरे दिन सुबह भोग वितरित किया गया. मौके पर वरुण गोस्वामी, उदय गोस्वामी वैशाली, विशाल, बूम्बा, भावेश, छोटू रखीत, प्रीतम बनर्जी, झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के जिला अध्यक्ष सम्राट चौधरी, राणा चट्टराज, बादल सरकार, वरुण गोस्वामी, डॉ रवि शंकर सेनगुप्ता आदि लोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है