dhanbadnews:मारवाड़ी विकास ट्रस्ट ने मनायी देव दीपावली

मारवाड़ी विकास ट्रस्ट की ओर से होटल राज आंगन में शुक्रवार को देव दीपावली का आयोजन किया गया. सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर भगवान श्रीकृष्ण की अराधना की और दीपदान किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2024 1:44 AM
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धनबाद.

मारवाड़ी विकास ट्रस्ट की ओर से होटल राज आंगन में शुक्रवार को देव दीपावली का आयोजन किया गया. सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर भगवान श्रीकृष्ण की अराधना की और दीपदान किया. इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल मुकीम ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का शुभ धार्मिक महत्व है. कार्यक्रम का संचालन मारवाड़ी विकास ट्रस्ट के सचिव बिनोद पंसारी ने किया. वहीं इस्कॉन धनबाद के मुख्य संचालनकर्ता नामप्रेम प्रभु ने विधि विधान से धार्मिक अनुष्ठान कर देव दीपावली के पर्व को पवित्रता एवं सुरुचि पूर्ण तरीके से संपन्न कराया. प्रभु गौर निताई (राधाकृष्ण) की पालकी का भ्रमण गाजे-बाजे के साथ कराया गया. इस्कॉन के नामप्रेम प्रभु एवं सुनीता माता ने देव दीपावली के महात्म्य की बोधकथा एवं संकिर्तन से सभा को आलोकित किया. इस दौरान संस्था के निर्माण में आर्थिक सहयोग का संकल्प लेने वाले ट्रस्टियों को सम्मानित किया गया. आयोजन में बाबूलाल अग्रवाल, योगेन्द्र तुलस्यान, वेद प्रकाश केजरीवाल, अनिल गुप्ता, श्याम पसारी, सुनील मित्तल, अनिल अग्रवाल, सज्जन खरकिया, डाॅ वीएन चौधरी, अशोक चौधरी, राजेंद्र बंसल, निर्मला तुलस्यान, अनिता मुकिम, शिल्पी पसारी आदि सक्रिय रहे.

कार्तिक पूर्णिमा पर हुई भगवान विष्णु की पूजा

कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को भक्तों ने नदी, सरोवर में पुण्य स्नान किया. शास्त्रों में इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप दान का बहुत महत्व बताया गया है. इस दिन दीप दान को दस यज्ञों के समान माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व रहने के कारण भक्तों ने सत्यनारायण स्वामी की कथा सुनकर दान किया. मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है, अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है. ऐसे में जो गंगा नदी में स्नान नहीं कर पाये वैसे श्रद्धालुओं ने पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर कार्तिक दीप जलाये. शाम को घरों में दीप जलाकर सुख समृद्धि की कामना की. वहीं सुहागिनों ने घरों व तुलसी पिंडा के पास दीपक जलाकर अखंड सुहाग व संतान की खुशहाली के लिए प्रार्थना की. कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में किसी नदी या तालाब में दीपदान करने का विशेष महत्व है.

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