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प्रतिदिन एक घंटे खोलती हैं मौन मौन मइया

सरस्वती अग्रवाल के आवास पर लग रहा भक्तों का तांता

उपमुख्य संवाददाता, धनबाद,

पांच माह अयोध्या छोटी छावनी पत्थर मंदिर में रहने के बाद कोयलांचल की मौनी मइया एक जून को शब्दभेदी ट्रेन से कोयलांचल लौट आयी हैं. इसी के साथ बड़ी संख्या में भक्त मथुरा नगर कर्माटांड़ स्थित उनके आवास पर पहुंचकर आशीर्वाद ले रहे हैं. मौनी मइया भी सभी को अयोध्या से लाया गया प्रसाद आशीष के रूप में दे रहीं. उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प लेकर 30 सालों से मौन धारण किया था. 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद उन्होंने अयोध्या में अपना मौन तोड़ा था. सरस्वती अग्रवाल अभी भी एकादशी, अमावस्या व पूर्णिमा के दिन मौन रहती हैं. इसलिए रविवार को प्रभात खबर की टीम से उनकी कोई बात नहीं हुई. सिर्फ इशारों व लिखकर उन्होंने अपने मनोभावों को व्यक्त किया. उन्होंने जानकारी दी कि राम मंदिर के मुख्य महंत नित्य गोपाल दास के शरणागत रहीं. सिर्फ एक समय का भोजन ग्रहण किया. आज भी एक समय भोजन ग्रहण करती हैं. लिखकर बताया कि राम लला के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होकर मेरा जीवन धन्य हो गया. जिस समय मौन खोलने का समय आया मुझे कुछ होश नहीं है, मुझे लग रहा था प्रभु राम मेरे सामने साक्षात हैं. मैं बस सीता-राम, सीता-राम बोलकर फेरे लगा रही थी. स्पष्ट शब्द भी नहीं निकल रहे थे. खुशी से मैं कांप रही थी. आंखों से अश्रु निकल रहे थे.काशी, मथुरा मंदिर बनने पर पूर्णत: खोलेंगी मौन : मौनी मइया फिलहाल दिन में दोपहर एक से दो बजे तक एक घंटे के लिए मौन खोल रही हैं. काशी व मथुरा मंदिर बनने का संकल्प लिया है. जब मंदिर बन जायेगा तो पूरी तरह मौन खोलेंगी. उन्होंने जानकारी दी कि नाती चंदन अग्रवाल सैकड़ों लोगों के साथ अयोध्या आये थे. उनके पिता मोती लाल अग्रवाल, माता चंदा अग्रवाल की शादी की 50वीं सालगिरह थी. अयोध्या में सालगिरह मनाने के बाद सभी धनबाद पहुंचे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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