धनबाद.
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम चलाया जायेगा. 10 फरवरी को जिले के 2248 बूथों पर 4496 दवा प्रशासक द्वारा 26 लाख से अधिक लोगों को अपने सामने दवा खिलाने का लक्ष्य है. इस अभियान की सफलता के लिए 428 सुपरवाइजर भी क्रियाशील रहेंगे. वहीं छूटे हुए लोगों को 11 से 25 फरवरी तक दवा प्रशासक घर-घर जाकर अपने सामने डीइसी व एल्बेंडाजोल की खुराक खिलायेंगे.उपायुक्त में बैठक कर दिये निर्देश
कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर शनिवार को उपायुक्त माधवी मिश्रा की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में बैठक हुई. इसमें उपायुक्त ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन केंद्र एवं राज्य सरकार की प्राथमिकता है. शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करें. अधिक से अधिक लोगों को दवा का सेवन कराने के लिए पोस्टर बैनर लगाकर लोगों को जागरूक करें. उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले के सभी लोगों से दवा लेने की अपील की. बैठक के समापन से पूर्व उपायुक्त ने सभी को जिले को फाइलेरिया मुक्त करने की शपथ दिलायी. मौके पर सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन, डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ अमित तिवारी, एचओडी पीएसएम डॉ रवि रंजन, वीबीडी पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, वीबीडी सलाहकार रमेश कुमार सिंह, एमओआइसी, बीपीएम व अन्य लोग मौजूद थे.
26, 67, 026 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिले के 1150 गांव में 2248 बूथों पर दवा प्रशंसकों द्वारा पर्यवेक्षकों की देखरेख में 26,67, 026 लोगों को दवा खिलाई जायेगी. अभियान के दौरान सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व हेल्थ सब सेंटर, सदर अस्पताल, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल व धनबाद रेलवे स्टेशन पर लोगों को दवा खिलायी जायेगी. एक से दो साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली (200 एमजी) पानी में घोलकर, दो से पांच वर्ष तक को डीइसी की एक गोली (100 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली (400 एमजी), 6 वर्ष से 14 वर्ष तक डीइसी की दो गोली (200 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीइसी की तीन गोली 300 (एमजी) व एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलायी जायेगी. जबकि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व अत्यंत वृद्ध एवं गंभीर बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं दी जायेगी. किसी को भी खाली पेट यह दवा नहीं खानी है. वीबीडी पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक वेक्टर जनित लाइलाज व दूसरी सबसे बड़ी दिव्यांगता पैदा करने वाली बीमारी है. यह गंदे पानी में पनपने वाले संक्रमित मादा क्युलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है. यह जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन इसे शरीर में विकृति पैदा होती है. इस रोग से बचने के लिए सभी व्यक्तियों को दवा का सेवन करना आवश्यक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है