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Dhanbad News: 40 लाख की डायबिटीज व हाइपरटेंशन की दवा खत्म, विभाग को पता नहीं किसे दी गयी

जिला स्वास्थ्य विभाग में अजब-गजब खेल चल रहा है. लाखों रुपये की दवा खत्म होने पर भी विभाग को पता नहीं कि ये दवाएं किन-किन मरीजों को दी गयी है. ताजा मामला डायबिटीज व हाइपरटेंशन की दवा को लेकर सामने आया है.

धनबाद.

जिला स्वास्थ्य विभाग में अजब-गजब खेल चल रहा है. लाखों रुपये की दवा खत्म होने पर भी विभाग को पता नहीं कि ये दवाएं किन-किन मरीजों को दी गयी है. ताजा मामला डायबिटीज व हाइपरटेंशन की दवा को लेकर सामने आया है. कुछ माह पूर्व जिले में डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए लगभग 40 लाख रुपये की दवा की खरीदारी हुई थी. जिला स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मरीजों को दी जाने वाली दवा खत्म हो चुकी है. लेकिन किन मरीजों को यह दवा दी गयी है, इसकी जानकारी विभाग के रिकॉर्ड में नहीं है. नियमत: ये दवा किन-किन मरीजों को दी गयी है, इसकी जानकारी ऑनलाइन दर्ज करनी है.

समीक्षा बैठक में हुआ खुलासा

हाल ही में स्वास्थ्य मुख्यालय द्वारा रांची में आयोजित समीक्षा बैठक में धनबाद जिला स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में डायबिटीज व हाइपरटेंशन की दवा खत्म होने और मरीजों की जानकारी विभाग के पास उपलब्ध नहीं होने की बात सामने आयी है. स्वास्थ्य मुख्यालय के निर्देश पर मामले की जांच शुरू की गयी है. जिला एनसीडी विभाग को यह पता लगाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है कि डायबिटीज व हाइपरटेंशन की दवा किन-किन मरीजों को दी गयी है. स्वास्थ्य मुख्यालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार जिले की कुल आबादी के 24 प्रतिशत को हाइपरटेंशन व 10 प्रतिशत आबादी को डायबिटीज की दवा देने का लक्ष्य है. सीएचसी, पीएचसी समेत सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में मरीजों के लिए डायबिटीज व हाइपरटेंशन की दवा उपलब्ध करायी गयी थी.

क्या है नियम

जिला समेत राज्य में तेजी से बढ़ रहे डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने जिला स्वास्थ्य विभाग को वार्षिक जांच का टार्गेट दिया है. इसके तहत धनबाद जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र संबंधित इलाकों में रहने वाले लोगों की जांच कर दवा उपलब्ध करानी है. मरीजों को दवा देने के बाद उनकी ऑनलाइन इंट्री एनसीडी के पोर्टल में दर्ज करनी है. जबकि, धनबाद में ऐसा नहीं हुआ. मरीजों को दवा दी गयी है अथवा नहीं, विभाग इसकी जांच में जुट गया है. इस संबंध सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने कहा कि मामले की जांच करायी जा रही है. गाइडलाइन के अनुसार मरीजों को दी गयी दवा की इंट्री करनी है. दवा की इंट्री क्यों नहीं हुई, जल्द ही इसका पता चल जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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