संवाददाता, धनबाद,
लोक सभा चुनाव को लेकर गुरुवार को एसएसएलएनटी कॉलेज के सभागार में सहायक निर्वाची पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक का एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ. इसमें मतदान प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी. मुख्य प्रशिक्षक दिलीप कुमार कर्ण ने मॉक पोल के बारे में बताते हुए कहा कि मतदान प्रारंभ होने के 90 मिनट पहले से कम से कम दो पोलिंग एजेंट की उपस्थिति में मॉक पोल या छद्म मतदान की जानी है. मॉक पोल करने का आशय है मतदान के लिए प्रयुक्त इवीएम की विश्वसनीयता को पोलिंग एजेंट के सामने प्रदर्शित करना. न्यूनतम 50 मॉक पोल करने के बाद वीवीपैट से निकली पर्चियों को निकालकर सारे मत को डिलिट अवश्य कर देना है. फिर सीलिंग कर उसे वास्तविक मतदान के लिए तैयार कर लेना है. इवीएम को आपस में कनेक्ट करने के तरीके का शॉर्टकट भी बताया गया. इवीएम में आने वाली संभावित खराबियां व उनके निराकरण के उपाय के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी.इवीएम के सभी कंपोनेंट्स के बारें में बताया गया :
मुख्य प्रशिक्षक राज कुमार वर्मा ने इवीएम के सभी कंपोनेंट्स के बारे में तथा उसके कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए उपलब्ध सभी पदाधिकारियों से हैंड्स ऑन करवाया. एक और प्रशिक्षक कुमार वंदन ने सीलिंग प्रक्रिया की जानकारी दी. प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी व डीसीएलआर संतोष गुप्ता ने अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण लेने वालों में डीआरडीए डायरेक्टर राजीव रंजन, अनुमंडल पदाधिकारी उदय रजक, डीइओ निशु कुमारी, डीएसई भूतनाथ रजवार सभी प्रखंडों के बीडीओ, सीओ और कार्यपालक दंडाधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है