जामाडोबा वाटर प्लांट के इंटेकवेल में फंसा कचरा, जलापूर्ति बाधित
झरिया-पुटकी की 10 लाख आबादी को नहीं मिला पानी
दामोदर नदी में बाढ़ से मोहलबनी श्मशान घाट डूबा
तीन दिनों से हो रही बारिश व तेनुघाट डैम का पानी छोड़ने के कारण दामोदर में आयी बाढ़ के कारण जमाडा जल संयंत्र केंद्र के इंटेकवेल कचरा फंसने से झरिया व आसपास में जलापूर्ति ठप है. कचरा साफ करने के लिए गोताखोरों से संपर्क किया गया है. सुरक्षा की दृष्टि से चार नंबर मोटर को ऊपर उठा लिया गया है. जल संयंत्र केंद्र के इंटेकवेल सहित उपकरण नदी में डूब गये हैं. दामोदर नदी का सामान्य जलस्तर लेबल 454 आरएल की जगह 470 आरएल हो गया. इधर, जमाडाकर्मियों के अनुसार जल संयंत्र केंद्र के 9 व 12 एमजीडी प्लांट में पानी की सप्लाई बंद कर दी गयी है. उसके कारण झरिया-पुटकी व आसपास के करीब दस लाख की आबादी के लिए जलापूर्ति बंद है. नदी में कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गयी है. इस संबंध में जल कार्य अधिकारी आशुतोष राणा ने बताया कि नदी में बाढ़ आने से इंटेकवेल में कचरा भर गया है. नदी का पानी का लेबल घटने पर ही वॉल्व की सफाई कर जलापूर्ति की जा सकेगी.शेड, पार्क व मंदिर डूबे :
मोहलबनी बिरसा पुल पर बने खतरे के निशान से करीब ऊपर जलस्तर है. शुक्रवार की रात में नदी का एकाएक जलस्तर बढ़ने से मोहलबनी श्मशान घाट, कई यात्री शेड, ग्रीन पार्क व मंदिर डूब गये हैं. उससे नदी तट पर शवदाह करने पहुंचे लोग परेशान दिखे. बाद में लोगों ने नगर निगम द्वारा निर्मित बर्निंग जोन में दाह संस्कार किया. वहीं गौरखूंटी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का नदी में लगे मोटर पंप को प्लांट के कर्मियों की सजगता से डूबने से बचा लिया गया. प्लांट के फोरमैन आरपी सरोज ने बताया कि रात तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जलभंडारण कार्य शुरू होने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है