देश के कोयला क्षेत्र की क्षमता को अधिकतम करने की दिशा में कोयला मंत्रालय ने बीसीसीएल की दुग्दा कोल वाशरी की दो एमटीपीए क्षमता के लिए 12 मार्च को मोनेटाइजेशन (मोद्रीकरण) की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है.
नीलामी से दुग्दा कोल वाशरी का मुद्रीकरण करेगा बीसीसीएल
दुग्दा कोल वाशरी (2 एमटीपीए) का मुद्रीकरण एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से किया जायेगा और संभावित इस्पात निर्माता को प्रदान किया जायेगा. निर्माण/नवीनीकरण, संचालन, रखरखाव और स्थानांतरण मॉडल पर वॉशरी के डिजाइन, निर्माण/नवीनीकरण, संचालन और रखरखाव और हस्तांतरण के लिए सफल बोलीदाता को हस्तांतरित किया जायेगा.
इस्पात उत्पादन क्षमता में होगी बढ़ोतरी
कोकिंग कोयला, इस्पात उत्पादन में एक महत्वपूर्ण घटक है. यह औद्योगिक परिदृश्य, खासकर भारत जैसी तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में बीसीसीएल की दुग्दा कोल वाशरी का मुद्रीकरण कोकिंग कोल क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए तैयार है, जो देश की इस्पात उत्पादन क्षमता में काफी योगदान देगा. मुद्रीकरण प्रक्रिया से संचालन को सुव्यवस्थित करने, संसाधन उपयोग को अधिकतम करने और कोयला लाभकारी तकनीकों में नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
कोकिंग कोल के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को मिलेगा प्रोत्साहन : सीएमडी
बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता ने बताया कि दुग्दा वाशरी का मुद्रीकरण आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है. कोकिंग कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देकर, भारत इसके आयात पर निर्भरता को कम कर सकता है.
अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर सकता है और अधिक मजबूत तथा लचीले इस्पात क्षेत्र को अधिक बढ़ावा देगा. मुद्रीकरण महत्वपूर्ण रूप से निवेशक हित को आकर्षित करने, आर्थिक गतिविधि को और अधिक प्रोत्साहित करने और क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए तैयार है.
Also Read : बीसीसीएल में वेंडर मीट, कंपनी की प्रगति के लिए प्रोक्योरमेंट में पारदर्शिता आवश्यक