बंगाल से मैथन में प्रवेश कर रहे प्रवासी मजदूरों को रोकने पर हंगामा
एनएच टू पर मैथन में झारखंड-बंगाल सीमा पूर्णत: सील किये जाने से सोमवार की सुबह एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूर फंस गये.
-बंगाल से मैथन में प्रवेश कर रहे प्रवासी मजदूरों को रोकने पर हंगामा सख्ती.
-मैथन में झारखंड-बंगाल की सीमा पूर्णत: सील –
-दो घंटे तक होता रहा हंगामा-तेज बुखार व सर्दी की शिकायत पर एक व्यक्ति की जांच
-बीएसके कॉलेज बनाया गया क्वारंटाइन सेंटर
-एक हजार से अधिक मजदूर यहीं ठहराये गये
-टुंडी, धनबाद, गिरिडीह के रहनेवाले हैं सभी
सुबह मैथन झारखंड सीमा पर अप्रवासी मजदूरों की भीड़, लोगों ने किया हंगामा, काफी मशक्कत के बाद कराया गया शांत, पहुंचे ग्रामीण एसपी व एसडीएम, बीएसके कॉलेज में बनाया गया रेस्ट सेंटर.
मैथन/चिरकुंडा : एनएच टू पर मैथन में झारखंड-बंगाल सीमा पूर्णत: सील किये जाने से सोमवार की सुबह एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूर फंस गये. प्रशासन ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. मजदूर टुंडी, धनबाद, गिरिडीह तथा कुछ बंगाल के विभिन्न जिलों में जाने वाले थे. पुलिस के अनुसार, मजदूर पैदल व ट्रकों से झारखंड में प्रवेश कर रहे थे. प्रतिबंध लगाये जाने पर उन्होंने जमकर हंगामा किया. करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा. मजदूरों की भारी संख्या देख एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा ने निरसा, चिरकुंडा, पंचेत, गलफरबाड़ी से पुलिस अधिकारियों व जवानों को मौके पर बुला लिया. काफी मशक्कत व हल्का बल प्रयोग के बाद मजदूर माने. एसडीपीओ श्री कुशवाहा की सूचना पर ग्रामीण एसपी अमित रेणु, एसडीएम राज महेश्वरम, निरसा सीओ एमएन मंसूरी, ओपी प्रभारी दुग्गान टोप्नो, एग्यारकुंड बीडीओ बिजेंद्र कुमार और डीएसओ भी पहुंच गये. सभी की सामाजिक दूरी बना कर जांच की गयी. थके-हारे लोगों को चाय व बिस्कुट दी गयी. जांच के दौरान एक व्यक्ति में तेज बुखार व सर्दी पायी गयी. उसे निरसा सीएचसी भेज दिया गया. सभी लोगों को बीएसके कॉलेज, मैथन में बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. कई मजदूरों ने बताया कि कोरोना के चलते काम बंद होने पर वे लोग घर लौट रहे हैं. लोगों की मदद में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता व संस्थाएं जुटी हैं. केंद्र की देखरेख व खानपान की जिम्मेदारी एमओ निरसा सुबोध कुमार सिंह को दी गयी है. चिरकुंडा चेंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों के साथ-साथ जूनकुदर के युवा, मैथन व कुमारधुबी क्षेत्र के लोग भी सहयोग के लिए पहुंच रहे हैं. मजदूरों को ब्रेड, बिस्कुट, पानी, चूड़ा, गुड़ आदि दिया गया. बंगाल पुलिस का नहीं मिल रहा सहयोगसीमा पर दोनों ओर से पहुंचने वालों में काफी संख्या में लोग हजारीबाग, बरही, औरंगाबाद व झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों के भी थे. इनलोगों को मुर्शिदाबाद, नदिया, वीरभूम व बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में जाना है. वहीं बंगाल से गाजीपुर, हाजीपुर, पलामू, पटना व हाजीपुर जाने वाले मजदूर भी शामिल हैं. पूर्णतः सीमा सील होने की सूचना से पूर्व ये लोग रविवार को ट्रकों से आना-जाना कर रहे थे. ट्रक को तिरपाल से ढंक कर मजदूर उसमें बैठ गये थे. जब कड़ाई से वाहनों की चेकिंग प्रारंभ की गयी, तो मामला पकड़ में आया. इधर, झारखंड-बंगाल सीमा पर बंगाल पुलिस का असहयोगात्मक रवैया दिख रहा है. बंगाल की ओर से काफी संख्या में मजदूर झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं, जबकि झारखंड से किसी तरह बंगाल पहुंच रहे लोगों को वापस कर दिया जा रहा है.
कई मजदूरों ने बताया कि कोरोना के चलते काम बंद होने पर वे लोग घर लौट रहे हैं. लोगों की मदद में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता व संस्थाएं जुटी हैं. केंद्र की देखरेख व खानपान की जिम्मेदारी एमओ निरसा सुबोध कुमार सिंह को दी गयी है. चिरकुंडा चेंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों के साथ-साथ जूनकुदर के युवा, मैथन व कुमारधुबी क्षेत्र के लोग भी सहयोग के लिए पहुंच रहे हैं. मजदूरों को ब्रेड, बिस्कुट, पानी, चूड़ा, गुड़ आदि दिया गया. बंगाल पुलिस का नहीं मिल रहा सहयोगसीमा पर दोनों ओर से पहुंचने वालों में काफी संख्या में लोग हजारीबाग, बरही, औरंगाबाद व झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों के भी थे. इनलोगों को मुर्शिदाबाद, नदिया, वीरभूम व बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में जाना है.
वहीं बंगाल से गाजीपुर, हाजीपुर, पलामू, पटना व हाजीपुर जाने वाले मजदूर भी शामिल हैं. पूर्णतः सीमा सील होने की सूचना से पूर्व ये लोग रविवार को ट्रकों से आना-जाना कर रहे थे. ट्रक को तिरपाल से ढंक कर मजदूर उसमें बैठ गये थे. जब कड़ाई से वाहनों की चेकिंग प्रारंभ की गयी, तो मामला पकड़ में आया. इधर, झारखंड-बंगाल सीमा पर बंगाल पुलिस का असहयोगात्मक रवैया दिख रहा है. बंगाल की ओर से काफी संख्या में मजदूर झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं, जबकि झारखंड से किसी तरह बंगाल पहुंच रहे लोगों को वापस कर दिया जा रहा है.