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पूर्वी टुंडी में एक सौ से अधिक चापाकल खराब

गर्मी की मार झेल रहे पूरे प्रखंड में पेयजल की परेशानी सामने आनी लगी है. पूर्वी टुंडी प्रखंड में एक सौ से अधिक चापाकल खराब हो गये हैं. कहीं-कहीं पेयजल की घोर किल्लत हो गयी है.

पूर्वी टुंडी. गर्मी की मार झेल रहे पूरे प्रखंड में पेयजल की परेशानी सामने आनी लगी है. पूर्वी टुंडी प्रखंड में एक सौ से अधिक चापाकल खराब हो गये हैं. कहीं-कहीं पेयजल की घोर किल्लत हो गयी है. वित्तीय वर्ष 2022-23 व 2023-24 के दौरान प्रखंड की पंचायतों में लाखों रु की लागत से बने दर्जनों जलमीनार मृत हो चुके हैं. नियमानुसार जलमीनार लगाने वाली एजेंसियों को पांच साल तक मेंटेनेंस करना है, पर एजेंसी को इसकी कोई सुधि नहीं. नतीजतन कहीं मशीन, कहीं टंकी, तो कहीं सोलर प्लेट ही गायब हो गया है. बड़ी बोरिंग के लिए गाड़ी उपलब्ध नहीं, छोटी बोरिंग में पानी नहीं आता : हर वर्ष मॉनसून के पहले यानी गर्मी के समय बोरिंग या पुराने व खराब चापाकलों की मरम्मत के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग को लाखों रुपये आवंटित होते हैं, पर लक्ष्य पूरा करते-करते मॉनसून का प्रवेश हो जाता है. विभागीय जेई संतोष कुमार महतो ने बताया कि नयी बोरिंग के लिए छह प्रखंडों के लिए मात्र एक गाड़ी दी गयी है. बोरिंग चार सौ, तीन सौ तथा 200-250 फीट तीन तरह की बोरिंग का आदेश है. पूर्वी टुंडी क्षेत्र के ज्यादातर स्थानों में 200-250 फीट की गहराई तक पानी नहीं निकलता है और चार सौ फीट बोरिंग करने वाली गाड़ी उपलब्ध नहीं है. इसलिए लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है. पूरे धनबाद जिला में 301 खराब चापाकलों के लिए पाइप लगाने का लक्ष्य है, पर फिलहाल विभाग के पास पाइप उपलब्ध नहीं है. पाइप उपलब्ध होते ही काफी हद तक समस्या का समाधान हो जायेगा. हरेक पंचायत में हो रही 10-10 बोरिंग : बीडीओ : बीडीओ अमृता सिंह ने कहा कि विधायक की अनुशंसा पर प्रत्येक पंचायत में पेयजल व स्वच्छता विभाग की ओर से 10-10 नये चापाकल की बोरिंग करवायी जा रही है. विभाग गाड़ी की समस्या बता रहा है. लक्ष्य के अनुसार सभी पंचायतों में अगले सप्ताह तक कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

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