बेटी को तंग कर रहा था मनचला बीच सड़क पर मां ने की धुनाई
धनबाद थाना क्षेत्र के हिल कॉलोनी में मंगलवार को बेटी से छेड़खानी से आजिज अाकर मां ने मनचले की जम कर धुनाई कर दी. यह देख लोगों की भीड़ जमा हो गयी. इस दौरान मौका देख युवक भाग गया
धनबाद : धनबाद थाना क्षेत्र के हिल कॉलोनी में मंगलवार को बेटी से छेड़खानी से आजिज अाकर मां ने मनचले की जम कर धुनाई कर दी. यह देख लोगों की भीड़ जमा हो गयी. इस दौरान मौका देख युवक भाग गया. इस संबंध में महिला ने थाना में कोई शिकायत नहीं की है. महिला रेलकर्मी है और अपनी बेटी के साथ हिल कॉलोनी में रहती है. जबकि मनचला युवक मोनू भी उसी कॉलोनी में रहता है.
महिला ने बताया कि उसकी बेटी जब भी पढ़ाई के लिए घर से बाहर निकलती है तो यह अपने आवारा दोस्तों के साथ उनकी बेटी के साथ छेड़खानी करता रहता है. परेशान होकर उसकी बेटी ने घर से बाहर निकला छोड़ दिया है. मंगलवार को भी मोनू मेरी बेटी को परेशान कर रहा था. बेटी ने घर पहुंच कर फोन कर सारी बात बतायी. यदि इतनी पिटाई के बाद भी वह नहीं सुधरा तो थाना में शिकायत करूंगी.
कपड़ा, जूता दुकान खोलने पर आज हो सकता है फैसला
रांची. झारखंड में लॉकडाउन में छूट बढ़ाने पर बुधवार को निर्णय संभव है. इस दिन राज्य सरकार कपड़ा, जूता-चप्पल समेत अन्य गैरजरूरी चीजों की दुकानों को खोलने की अनुमति दे सकती है. सूचना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को इससे संबंधित निर्देश दे दिये हैं. बुधवार को उच्चस्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की संभावित बैठक में लॉकडाउन में पाबंदियों में ढील देने से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिया जायेगा.
संभवत: बुधवार शाम तक पाबंदियों में छूट देने का आदेश जारी कर दिया जायेगा. सूत्रों के मुताबिक, कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार धार्मिक स्थलों को अभी खोलने के मूड में नहीं है.
सीएम की पीएम से नहीं हो सकी बात, लिखित भेजेंगे अपनी बात
रांची. पीएम मोदी ने मंगलवार को कई राज्यों के सीएम के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये कोरोना के मुद्दे पर बात की. सीएम हेमंत सोरेन भी इसमें शामिल हुए, लेकिन पीएम से उनकी बात नहीं हो सकी, क्योंकि जब तक झारखंड की बारी आती तब तक समय समाप्त हो गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा िक पीएम के साथ जब वीसी होती है, तो भारत सरकार और पीएम द्वारा ही तिथि तय की जाती है. हमारी बोलेने की बारी नहीं थी. हमने सुना जरूर. पीएम ने कहा है कि जो नहीं बोल पाये हैं, वे लिखित रूप से अपनी बातें रख सकते हैं. हम अपनी बातों को लिखित पीएम को भेज देंगे.
Post by : Pritish Sahay