इकलौते पुत्र का शव देख बेसुध हो रही थी मां, पत्नी व बहनों का था बुरा हाल
राहुल गुप्ता का शव उसके घर गांधीनगर पहुंचते ही गमगीन हुआ माहौल
राहुल गुप्ता का शव उसके घर गांधीनगर पहुंचते ही गमगीन हुआ माहौल
आसपास के लोगों के भी नहीं थम रहे थे आंसू
धनसार.
बरवाअड्डा में मंगलवार को सड़क दुर्घटना में मारे गए राहुल गुप्ता का शव उसके घर गांधी नगर धनसार आते ही माहौल गमगीन हो गया. राहुल की मां शिला देवी अपने एकलौते पुत्र का शव देखते ही बेसुध हो रही थी. वहीं उसकी पत्नी शालू देवी व तीनों बहनें शव से लिपटकर दहाड़ मारकर रो रही थीं. यह देख वहां मौजूद आसपास के लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे. शव के पास खड़ा राहुल का पांच साल का बेटा यद्रु कुमार सिसक रहा था. वह बार-बार अपनी मां और दादी से पूछ रहा था कि आपलोग क्यों रो रहे हैं. पापा क्यों नहीं उठ रहे हैं, पर किसी को इसका जवाब देते नहीं बन रहा था.छह साल पहले ही राहुल के पिता का हो गया था निधन : लोगों की जुबान से बस यही निकल रहा था कि अब बेचारी बुढ़ी मां व पत्नी का सहारा कौन बनेगा. राहुल के पिता गौरी शंकर गुप्ता का निधन छह साल पूर्व ही हो गया था. वह भी चूड़ी का व्यवसाय करते थे. तब से राहुल अपनी मां का सहारा बन चूड़ी का थोक व्यापार कर अपने परिवार की जीविका चला रहा था. राहुल की चार बहनें हैं. सभी की शादी हो चुकी है. एक बहन अपनी ससुराल विशाखापत्तनम मे है. वहीं राहुल की शादी छह साल पूर्व हुई थी. राहुल मंगलवार को अपने साथियों के साथ बरवाअड्डा से तगादा कर लौट रहा था. इस बीच यह घटना घटी. शव का अंतिम संस्कार बस्ताकोला गोशाला में किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है