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Dhanbad News : गोविंदपुर, तोपचांची व बाघमारा सीएचसी में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए बनेगा एनबीएससी यूनिट

स्वास्थ्य केंद्र में जन्में नवजात के बीमार होने पर एसएनएमएमसीएच लाने की नहीं पड़ेगी जरूरत, नये साल से तीनों स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू हो जायेगी सेवा

स्वास्थ्य केंद्र में जन्म लेने वाले नवजात के बीमार होने पर अब उन्हें मेडिकल कॉलेज व अस्पताल लाने की जरूरत नहीं होगा. स्वास्थ्य केंद्र में ही बीमार नवजात को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग की ओर से इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में न्यू बॉर्न स्टेबलाइजेशन केयर (एनबीएससी) यूनिट की सुविधा शुरू की जायेगी. इसके लिए जिले के तीन सीएचसी गोविंदपुर, तोपचांची व बाघमारा का चयन किया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार नवजात शिशुओं की देखभाल और उनकी मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से शुरुआत में तीन सीएचसी का चयन एनबीएससी यूनिट के लिए किया गया है. नए साल से इन स्वास्थ्य केंद्रों में एनबीएससी की सुविधा शुरू कर दी जायेगी. बाद में प्राथमिकता के आधार पर जिले के अन्य सीएचसी में एनबीएससी यूनिट शुरू की जायेगी.

स्वास्थ्य केंद्रों में जन्मे बीमार नवजात भेजा जाता है एसएनएमएमसीएच :

जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव की सुविधा मरीजों को प्रदान की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार औसतन हर दिन जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में 30 से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है. कई मामलों में जन्म लेने वाले बच्चों को तत्काल स्पेशल केयर में इलाज की जरूरत होती है. ऐसे में इन बच्चों को इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच के एनआइसीयू भेज दिया जाता है. कई बार नवजात को स्पेशल केयर सुविधा मुहैया कराने में देर होने पर उनकी मृत्यु हो जाती है. सीएचसी में एनबीएससी यूनिट शुरू होने से बीमार नवजातों को स्वास्थ्य केंद्र में ही चिकित्सा उपलब्ध हो पायेगी. अति गंभीर नवजात को एसएनएमएमसीएच स्थित एनआइसीयू भेजा जायेगा.

सीएचसी में चार नवजात के इलाज की होगी व्यवस्था :

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार सीएचसी में बनने वाले एनबीएससी यूनिट में चार नवजात के इलाज की व्यवस्था होगी. इसके लिए हर स्वास्थ्य केंद्र में बनने वाले एनबीएससी यूनिट में चार-चार वॉर्मर समेत अन्य उपकरण लगाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है. स्वास्थ्य मुख्यालय से वॉर्मर समेत अन्य उपकरण मुहैया कराया जा चुका है.

एनबीएससी की मुख्य विशेषताएं

नवजात शिशुओं की देखभाल:

इसमें नवजात की शारीरिक और मानसिक स्थिति की निगरानी की जाती है. संक्रमण नियंत्रण : इसमें संक्रमण नियंत्रण के उपायों का पालन किया जाता है, जैसे कि हाथों की सफाई और संक्रमण नियंत्रण के लिए उपयुक्त उपकरणों का उपयोग.

विशेष उपचार :

एनबीएससी में नवजात शिशुओं के लिए विशेष उपचार दिये जाते हैं, जैसे कि ऑक्सीजन थेरेपी और वेंटिलेटर सपोर्ट.

वर्जन

सीएचसी में एनबीएससी यूनिट शुरू करने की दिशा में कार्य चल रहा है. मुख्यालय से कई तरह की मशीनें उपलब्ध करायी गयी है. नये साल में मरीजों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जायेगा. इससे नवजात के मृत्यु दर में कमी आयेगी. वहीं बीमार नवजात को जरूरत के अनुसार तत्काल बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मिलेगी.

डॉ चंद्रभानु प्रतापन,

सीएस

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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