शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) धनबाद में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीजों की सर्जरी होगी. अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इन ओटी में मरीजों के बड़ी से बड़ी बीमारी का ऑपरेशन संभव होगा. इसके लिए एसएनएमएमसीएच में तीन नए मॉड्यूलर ओटी का निर्माण कराया जायेगा. स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से यहां मॉड्यूलर ओटी निर्माण की योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. स्वास्थ्य मुख्यालय के निर्देश पर एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने इसके लिए स्थान का चयन कर अपनी रिपोर्ट सौंपी दी है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार अगले दो माह में अस्पताल में स्वास्थ्य मुख्यालय स्तर से तीन नए मॉड्यूलर ओटी का निर्माण शुरू कर दिया जायेगा. यहां लगने वाले मशीनों की खरीदारी भी मुख्यालय स्तर पर होगी.
गायनी, ऑर्थो व सर्जरी विभाग में बनेंगे मॉड्यूलर ओटी :
स्वास्थ्य मुख्यालय को एसएनएमएमसीएच प्रबंधन की ओर से भेजी गयी जो रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल के गायनी, ऑर्थो व सर्जरी विभाग में मॉड्यूलर ओटी का निर्माण कराया जायेगा. सबसे ज्यादा ऑपरेशन इन्हीं विभागों में होते है. ऐसे में इन विभागों का चयन मॉड्यूलर ओटी निर्माण के लिए किया गया है.गन शॉट के मामलों का हो सकेगा ऑपरेशन:
एसएनएमएमसीएच में मॉड्यूलर ओटी का निर्माण होने के बाद गन शॉट से जुड़े मामलों का भी यहां ऑपरेशन संभव होगा. अबतक गन शॉट से जुड़े ज्यादातर मामलों से संबंधित मरीजों के पहुंचने पर उन्हें रिम्स रेफर कर दिया जाता है. क्योंकि वर्तमान में अस्पताल के ओटी पुरानी है. इसमें जरूरत के अनुसार उपकरणों की भी कमी है.मेजर सर्जरी में मिलेंगी यह सुविधाएं :
एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक डॉ ज्योति रंजन प्रसाद ने बताया कि मॉड्यूलर ओटी में हेपा फिल्टर लगा होता है, जो बैक्टीरिया व वायरस को फिल्टर कर देता है. इससे वे अंदर नहीं आ पाते और संक्रमण का डर नहीं रहता. ह्यूमिडिटी (आर्द्रता) कंट्रोल रहती है. ऐसा इसलिए की नमी का स्तर मापदंड से कम या ज्यादा होने पर बैक्टीरिया पनपने का डर रहता है. मॉड्यूलर ओटी पूरी तरह से एसी युक्त होता है. ओटी में हर घंटे में 15-20 बार एयर चैलेंज होते हैं. इसके लिए ओटी में एयर हैंडलिंग यूनिट लगे होते हैं, जो एयर को मापदंड के अनुसार रखते है. ओटी लाइट 10 लाख लक्स लीटर की होती हैं. ओटी में सारे उपकरण डिजिटल व हाईटेक होते हैं. इसमें नाइट्रोजन, आक्सीजन व अन्य गैसेस के लिए एक ही प्लेटफार्म होता है. मेन ओटी में पहुंचने के पहले तीन चेंबर होते हैं. ऑपरेशन ओटी के दरवाजे अपने-पास खुलने और बंद होने वाले होते है. एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक डॉ ज्योति रंजन प्रसाद ने कहा कि मॉड्यूलर ओटी निर्माण के लिए मिले निर्देश के आलोक में स्थान का चयन कर रिपोर्ट स्वास्थ्य मुख्यालय को भेज दी गयी है. अगले दो माह में अस्पताल में मॉड्यूलर ओटी का कार्य शुरू होने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है