New Year 2025: दिसंबर का पहला सप्ताह खत्म होने को है. ऐसे में एक ओर जहां लोग पुराने साल की विदाई और नये साल का जश्न मनाने की तैयारी में जुट गये हैं, वहीं राज्यस्तरीय पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त धनबाद कोयलांचल का प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट मुनीडीह का भटिंडा फॉल बदहाल है. इसकी मुख्य वजह साफ-सफाई की कमी और देखरेख का अभाव है. ऐसे में फॉल के चारों ओर गंदगी फैली है. पढ़ें संजय कुमार रवानी और प्रतीक पोपट की रिपोर्ट.
झारखंड और पश्चिम बंगाल से आते हैं पर्यटक
भटिंडा फॉल में पर्यटकों के लिए पानी, बिजली, सीढ़ी, चेंजिंग रूम, शौचालय, झूला, पौधा, स्लाइडर, 25 से अधिक छतरी शेड, दो बड़ा खुला शेड एवं एक बड़ा हॉल समेत कई सुविधाएं उपलब्ध हैं. झारखंड के अलावा यहां पश्चिम बंगाल से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन जिला प्रशासन की उदासीनता और रखरखाव में कमी के कारण भटिंडा पहुंचने के बाद पर्यटकों का मन छोटा हो जाता है. बावजूद इसके भटिंडा फॉल का प्राकृतिक मनोरम दृश्य आज भी अलौकिक है. यह बरबस पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां का कलकल करता झरना और चट्टानों से गिरता पानी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाता है. यूं तो यहां सालोंभर सैलानी आते हैं, लेकिन 25 दिसंबर से पूरी जनवरी यहां पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है.
कैसे पहुंचें भटिंडा फॉल
मुनीडीह का भटिंडा फॉल धनबाद मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर है. यहां आने के लिए धनबाद-बोकारो मुख्य सड़क स्थित पुटकी थाना से मुनीडीह कोलियरी के रास्ते मुनीडीह बाजार के बाद शनि मंदिर से बायें पीसीसी रोड होते हुए या बालूडीह चौक से सीपीपी प्लांट के रास्ते टेटंगाबाद ( कारीटांड़ ) होकर आसानी से पहुंचा जा सकता है.
खरीदारी के लिए पुटकी और मुनीडीह बाजार ही एक मात्र विकल्प
अगर आप पिकनिक में खाने-पीने के सभी सामान साथ लाते हैं तो ठीक है, नहीं तो खाने-पीने या अन्य जरूरत के सामान की खरीदारी के लिए पुटकी बाजार या मुनीडीह बाजार ही एक मात्र विकल्प है. भटिंडा में अस्थायी रूप से चाट चाउमीन, चाय, मिनरल वाटर आदि की दुकानें स्थानीय लोगों द्वारा लगायी जाती हैं. हालांकि अब यहां होटल भी खुल चुके हैं, जहां वेज/नॉन वेज खाना मिल जाएगा.
करायी जा रही है सफाई
बिनोद बिहारी महतो स्मारक समिति के अध्यक्ष संदीप महतो ने बताया कि समिति की ओर से फॉल की सफाई करायी जा रही है. डेंजर जोन की बैरिकेडिंग समेत सौंदर्यीकरण का काम जल्द ही पूरा करा लिया जायेगा. समिति के सदस्यों द्वारा बाइक एवं कार पार्किंग, फर्स्ट-एड, मोबाइल ट्रैफिक, फॉल के पास अलग-अलग स्थानों पर लाइफ जैकेट के साथ तीन गोताखोरों को सुबह से शाम तक तैनात किया जाता है. समिति के सचिव जेपी महतो ने कहा कि सफाई को ध्यान में रखते हुए यहां थर्माकोल के पत्तल और दोना आदि लाना मना है. उन्होंने सैलानियों से सहयोग की अपील की.
यहां जरा संभल कर रहें
फॉल के झरने में फिसलन है. ऐसे में फोटो खिंचवाने की होड़ न लगायें. फॉल के ऊपर सात खटिया नामक कुआं है, जो 30 फीट से ज्यादा गहरा है. यहां पानी का घुमाव है जो लोगों को गहरे पानी में ले जाता है. फॉल के पास मंदिर के नीचे स्थिर पानी भी डेंजर जोन की श्रेणी में है. यहां सावधान रहने की जरूरत है. अब तक कई हादसे हो चुके हैं.
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