Dhanbad News : तेलंगाना के कुख्यात रेड्डी अन्ना गैंग के लिए काम करते हैं तपोवन कॉलोनी में पकड़े गये साइबर अपराधी

झरिया के प्रमोद कुमार यादव उर्फ प्रिंस उपलब्ध कराता था साइबर अपराध में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2025 1:43 AM
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सरायढेला थाना क्षेत्र अंतर्गत तपोवन कॉलोनी से सोमवार को रंगेहाथ पकड़े गये चार साइबर अपराधी तेलंगाना के कुख्यात रेड्डी अन्ना गैंग के लिए काम करते हैं. रेड्डी अन्ना साइबर ठगी का बड़ा सिंडिकेट संचालित करता है. पूछताछ में साइबर अपराधियों ने इसका खुलासा किया है. मंगलवार को साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि रेड्डी अन्ना गैंग का मुख्य सरगना है. वह आर्थिक रूप से कमजोर युवकों को पैसे उपलब्ध कराता है. बाद में उसे सइबर ठगी सिखाता है. आर्थिक रूप से कमजोर युवकों को गैंग से जोड़ने के लिए उसने अलग-अलग जिलों में आदमी रखा है. पहले युवकों को पैसे का प्रलोभन देकर नशे और अय्याशी का आदी बनाता है. बाद में उनसे साइबर ठगी कराता है. धनबाद में झरिया का रहने वाला प्रमोद कुमार यादव उर्फ प्रिंस रेड्डी अन्ना गैंग का मुख्य अपराधी है. वह युवकों को गैंग से जोड़ साइबर अपराध कराता है. पकड़े गये चारों अपराधी भी प्रमोद के संपर्क में आने के बाद साइबर अपराध से जुड़े. पुलिस प्रमोद की तलाश कर रही है. पकड़े गये अपराधियों में कृष्णादेव कुमार (तेतुलमारी, धनबाद), पंकज यादव (जमुई, बिहार), नीतीश कुमार (कटेरिया, बांका बिहार), दीप नारायण यादव (बांका बिहार) शामिल हैं.

प्रमोद उपलब्ध कराता था सामान, उसी ने किराया पर लिया था मकान :

साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने बताया कि युवकों को गैंग में जोड़ने के बाद पैसे से लेकर साइबर क्राइम में इस्तेमाल होने वाला सारा सामान प्रमोद ही उपलब्ध कराता था. तपोवन कॉलोनी स्थित किराया का मकान भी उसी ने ठीक किया था. मालिक के साथ प्रमोद के नाम ही एग्रीमेंट है.

मकान मालिक भी जांच के घेरे में, पूछताछ की तैयारी :

डीएसपी ने बताया कि बिना वेरिफिकेशन के अपराधियों को मकान किराया पर देने के मामले में मकान मालिक दीपक कुमार भी जांच के घेरे में है. जल्द ही पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी. बताया कि मकान किराया पर देने से पहले मकान मालिक ने पुलिस को सूचित नहीं किया. 10 हजार के लालच में उसने बगैर वैध कागजात के ही अपराधियों को किराया पर मकान दे दिया.

बिहार के दो लोगों के साथ ठगी होने के बाद जांच में अपराधियों की मिली जानकारी :

डीएसपी संजीव कुमार ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों ने बिहार के दो लोग शिवाधर पांडेय, पटना (बिहार) व राजशेखर कुमार भोजपुर (बिहार) को अपनी ठगी का शिकार बनाया था. ठगी के शिकार लोगों ने पुलिस को नंबर उपलब्ध कराया था. उसी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की. प्रतिबिंब एप के माध्यम से अपराधियों के लोकेशन की जानकारी मिली. बताया कि विभिन्न सरकारी ऑफिसर की फेक आइडी बनाकर वाट्सऐप या सोशल मीडिया में उनके ट्रांसफर होने की बात बताकर फर्नीचर, पुराने सामान आदि बेचने का प्रलोभन देकर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे. ये लोग फर्जी नाम से सिम कार्ड का इस्तेमाल कर ऑनलाइन गेमिंग में बेटिंग लगाकर अधिक पैसे कमाने का प्रलोभन देकर ठगी करते थे.

पांच लाख से ज्यादा कीमत के मोबाइल व अन्य सामान जब्त :

साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने 24 मोबाइल बरामद किया है. इसकी कीमत लगभग पांच लाख रुपये बतायी जा रही है. इसके अलावा 21 सिम कार्ड, एक आइपैड, एक लैपटॉप, तीन जियो फाइबर, एक एयरटेल फाइबर, दो डायरी व कॉपी, एक पासबुक, पांच क्यूआर कोड स्कैनर व एक नयी बुलेट बाइक. जिसकी कीमत ढाइ लाख रुपये से ज्यादा है. झरिया के प्रमोद कुमार यादव उर्फ प्रिंस ने अपराधियों को सारा सामान उपलब्ध कराया था.

छापेमारी दल में यह थे मौजूद :

अक्षय कुमार राम पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी साइबर थाना, पुनि रंजीत कुमार, सअनि इफ्तेखार अहमद, आरक्षी कमलेश कुमार रवि व दीपक पासवान.

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