धनबाद : नगर निगम बोर्ड-दो का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो गया. वर्ष 2015 के 17 जून को इसका गठन हुआ था. अब नगर निगम में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं रहेगी. प्रशासक की देखरेख में निगम की सभी गतिविधियों का संचालन होगा. बुधवार से ही निगम में इसका असर दिखने लगा. नगर निगम में पार्षद नजर नहीं आये. जबकि कार्यकाल समाप्त होने के पहले नगर निगम में पार्षदों की भीड़ लगी रहती थी. जन्म प्रमाण पत्र हो या मृत्यु प्रमाण पत्र या अन्य कोई कार्य के लिए पार्षदों को कभी इस टेबल तो कभी उस टेबल पर देखा जाता था. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी नगर निगम कार्यालय नहीं आये.
निवर्तमान पार्षद कर सकेंगे पूर्व की तरह अनुशंसा : नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप ने कहा कि प्रशासक संबंधी अब तक कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है. बुधवार को नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया है. सभी जनप्रतिनिधियों को सामग्री वापस करने के लिए लिखा गया था. मेयर व डिप्टी मेयर ने गाड़ी के साथ अन्य सामग्री वापस लौटा दी है. अधिकांश पार्षदों ने भी सामग्री लौटा दी है. जो पार्षद सामग्री नहीं लौटाये हैं, उन्हें नोटिस किया जायेगा. निवर्तमान पार्षद पहले की तरह अनुशंसा कर सकते हैं. क्षेत्र में पार्षद रहते हैं, उन्हें बेहतर जानकारी होती है. उनकी अनुशंसा पर पहले भी जांच करायी जाती थी.
आगे भी जांच करायी जायेगी. इधर, पार्षद निर्मल मुखर्जी ने कहा कि लोकतंत्र में शहर की सरकार की आवश्यकता होती है. 74वें संशोधन के तहत पार्षदों को 28 तरह के अधिकार दिये गये हैं. प्रशासक के साथ तालमेल के साथ आगे भी काम किया जायेगा. छोटे-मोटे काम के लिए लोग क्या विधायक व सांसद के पास जायेंगे. लिहाजा प्रशासक को भी इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए.
कार्यकाल के अंतिम दिन सांसद से मिले मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल : अपने कार्यकाल के अंतिम दिन बुधवार को मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सांसद पीएन सिंह से मुलाकात की. सांसद के आवास पर बड़ी संख्या में भाजपा के लोगों ने मेयर श्री अग्रवाल का बूके देकर स्वागत किया. साथ ही पांच वर्ष के सफल कार्यकाल के लिए उन्हें बधाई दी. इस दौरान सांसद व मेयर ने बंद कमरे में घंटों बातचीत की. संगठन और पार्टी के आगे की रणनीति पर भी चर्चा हुई. मौके पर सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो, मुकेश पांडेय, रामदेव महतो महतो आदि थे.
Posted by : Pritish Sahay