विश्वविद्यालय और कॉलेजों के आधारभूत ढांचे में विकास और शैक्षणिक स्तर को उठाने के लिए उनका नैक एक्रिडिटेशन व रिएक्रिडिटेशन जरूरी है. इस कॉलेज का समय पर नैक एक्रिडिटेशन व रिएक्रिडिटेशन नहीं होता, उसे यूजीसी और केंद्र सरकार समेत अन्य एजेंसियों से मिलने वाले कई तरह के अनुदान वंचित रहना पड़ता है. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के मामले में विवि प्रशासन की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया जाता है. क्योंकि विवि प्रशासन की उदासीनता की वजह से विवि के 10 पुराने अंगीभूत कॉलेजों में आठ का नैक रिएक्रिडिटेशन (सेकेंड या थर्ड साइकिल) फंसा हुआ है.
फंड की कमी बड़ी वजह :
कॉलेजों के नैक एक्रिडिटेशन या रिएक्रिडिटेशन में सबसे बड़ी बाधा फंड की कमी है. इसके लिए सबसे बड़ी वजह पिछले करीब दो वर्षों से विवि में उथल-पुथल की स्थिति रही है. प्रो शुकदेव भोइ के कार्यकाल में एक भी कॉलेज का नैक नहीं हुआ था. पिछले वर्ष अक्तूबर से विवि में स्थायी कुलपति नहीं थे. प्रभारी कुलपति प्रो पवन कुमार पोद्दार के पास वित्तीय अधिकार नहीं था. ऐसे में वह कॉलेजों को नैक फंड नहीं दे पा रहे थे. अब जब कर विवि को स्थायी कुलपति मिला है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही शेष आठ कॉलेजों के नैक एक्रिडिटेशन या रिएक्रिडिटेशन का काम जल्द पूरा होगा.बीएस सिटी कॉलेज :
बीएस सिटी कॉलेज, बोकारो का नैक के रिएक्रिडिटेशन (सेकेंड साइकिल) होना था. कॉलेज प्रशासन ने नैक की पीयर टीम के दौरे से पहले कॉलेज भवन की मरम्मति का समय पर पूरा नहीं हो पाया था. इस वजह से कॉलेज प्रशासन ने नैक की टीम से दिसंबर 2024 तक दौरे को स्थगित रखने का अनुरोध किया था. टीम अब दिसंबर में आयेगी. कॉलेज को यह अनुरोध इसलिए करना पड़ा था, क्योंकि कॉलेज भवन की मरम्मत कराने के लिए समय पर फंड नहीं मिल पाया था. कॉलेज की प्राचार्या डॉ उमा मगेश्वरी ने बताया कि दिसंबर में नैक की पीयर टीम आयेगी. पीयर टीम के दौरे से पहले कॉलेज को पूरी तरह से तैयार कर लिया जायेगा.एसएसएलएनटी का अपलोड हुआ है एसएसआर :
एसएसएलएनटी महिला कॉलेज के नैक के रिएक्रिडिटेशन (सेकेंड साइकिल) कराने में पांच वर्ष का विलंब हो चुका है. अब तक कॉलेज ने नैक के लिए सेल्फ एसेसमेंट रिपोर्ट (एसएसआर) अपलोड किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है