Dhanbad News: सात साल में नहीं हुई एक भी जांच, लाखों रुपये के रिएजेंट किट हुए एक्सपायर

एनआरएल की टीम ने एसएनएमएमसीएच के कल्चर एंड डीएसटी लैब का निरीक्षण किया. इस दौरान यहां सात साल से एक भी जांच नहीं होने और लाखों रुपये के किट खराब होने पर नाराजगी जतायी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 1:16 AM

धनबाद.

शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) परिसर में टीबी के गंभीर मरीजों की जांच के लिए बने कल्चर एंड डीएसटी लैब के निरीक्षण के लिए बुधवार को नेशनल रेफरेंस लेबोरेटरी (एनआरएल) की टीम धनबाद पहुंची. पांच सदस्यीय टीम ने यहां कल्चर एंड डीएसटी लैब की स्थिति का जायजा लिया. लैब की माइक्रो बायोलॉजिस्ट के अनुपस्थित रहने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से अबतक मरीजों की हुई जांच की जानकारी मांगी. टीम को बताया गया कि यहां एक भी मरीज की जांच नहीं हुई है. इसपर टीम में शामिल अधिकारियों ने नाराजगी जतायी. बता दें कि लैब को बने सात साल से ज्यादा समय हो चुका है. अबतक यहां एक भी मरीज की जांच नहीं हुई है. लंबे समय से लैब की माइक्रो बायोलॉजिस्ट भी छुट्टी पर हैं. ऐसे में अधिकतर समय लैब बंद ही रहता है. लंबे समय से लैब के बंद रहने से लाखों रुपये के रिएजेंट किट एक्सपायर हो चुके है. हालांकि, निरीक्षण के दौरान लैब की मशीनें चालू हालत में मिलीं.

टीम ने दिये लैब को शुरू करने के निर्देश

कल्चर एंड डीएसटी लैब में टीबी मरीजों की जांच शुरू करने के लिए एनआरएल की टीम ने जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये. लैब का संचालन शुरू करने को लेकर टीम के साथ जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एसएनएमएमसीएच प्रबंधन के साथ वार्ता भी की. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ केके लाल से कॉलेज में नियुक्त माइक्रो बायोलॉजिस्ट से लैब का संचालन शुरू कराने का आग्रह किया गया.

कल्चर एंड डीएसटी लैब में एक्सडीआर की होती है जांच

जब कोई टीबी मरीज मिलता है, तो उसमें दो प्रकार के लक्षण होते हैं. एक सेंसिविटी और दूसरा रेसिस्टेंस. टीबी संक्रमित गंभीर मरीज, जिन पर टीबी के इलाज से जुड़ी अधिकतर दवाइयां बेअसर साबित होती हैं, तो इसे एक्सडीआर यानी एक्स्ट्रा ड्रग रेजिस्टेंस टीबी कहा जाता है. कल्चर एंड डीएसटी लैब में एक्सडीआर जांच किट व रिएजेंट से की जाती है.

लैब में मौजूद हैं 3.5 करोड़ की मशीनें

बता दें कि सात वर्ष पूर्व एसएनएमएमसीएच में साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से कल्चर एंड डीएसटी लैब की स्थापना की गयी. इसमें लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये की मशीनें लगायी गयी हैं. जिन मरीजों पर टीबी के इलाज से जुड़ी अधिकतर दवाइयां बेअसर साबित होती हैं, उनका कल्चर एंड डीएसटी लैब में एक्सडीआर जांच की जाती है.

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