DHANBAD NEWS : धनबाद की राजकीय लाइब्रेरी की गरिमा बढ़ा रही संविधान की मूल कॉपी

DHANBAD NEWS : संविधान की 16 मूल कॉपी में से एक धनबाद में है सुरक्षित

By Prabhat Khabar News Desk | November 27, 2024 1:14 AM
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DHANBAD NEWS : शोभित रंजन, धनबाद. भारतीय संविधान को अंगीकार करने के मंगलवार को 75 वर्ष पूरे हो गये हैं. 1950 में जब भारत का संविधान तैयार हुआ था, उस संविधान की कुल 16 मूल प्रति छापी गयी थी, उनमें से एक मूल कॉपी धनबाद के गोल्फ ग्राउंड के पास बने राजकीय लाइब्रेरी में मौजूद है. यह मूल कॉपी 1950 में ही धनबाद लायी गयी थी. इस मूल प्रति में उस वक्त के सभी मंत्रियों के मूल हस्ताक्षर मौजूद हैं. साथ ही देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के भी हस्ताक्षर हैं. लाइब्रेरियन अनीश कुमार ने बताया कि संविधान की इस प्रति में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं. संविधान लागू होने के समय देश भर में कुल 16 मूल प्रतियां जारी की गयी थीं, उन्हीं में से यह एक कॉपी यहां की राजकीय लाइब्रेरी में है, जो धनबाद के लिए एक गर्व का विषय है. इसे आलमारी में सुरक्षित रखा जाता है. गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस व संविधान दिवस के मौके पर इसे देखने के लिए काफी लोग आते हैं.

1950 में बन कर तैयार हुआ था संविधान :

संविधान को तैयार करने में दो साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे. यह 26 जनवरी 1950 को आधिकारिक रूप से लागू हुआ था. यह दिन हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.

इटैलिक अक्षरों में लिखा गया है संविधान की मूल प्रति :

संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी थी. संविधान की मूल प्रति को नंद लाल बोस व राम मनोहर सिन्हा सहित शांति निकेतन के कलाकारों ने सजाया था. मूल संविधान के हिंदी संस्करण का सुलेखन वसंत कृष्णन वैद्य ने किया था.

खास कागज में लिखा गया है संविधान :

संविधान की मूल प्रति में जिस कागज का प्रयोग किया गया है, उसे 1000 सालों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. इसके साथ ही संविधान में लिखे सभी अक्षरों को पढ़ा भी जा सकता है. इसमें नियमों व कर्तव्यों को समझाने के लिए कई प्रकार के चित्र बनाये गये हैं. इसके कवर पृष्ठ पर स्वर्ण अक्षर अंकित किया गया है.

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