पंचेत डैम के पानी के ऊपर बन रहे फ्लोटिंग और ग्राउंड माउंटेड सोलर प्लांट से इस वर्ष के अंत तक बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. परियोजना पर … करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, फ्लोटिंग सोलर पैनल के जरिए बिजली उत्पादन की यह राज्य की सबसे बड़ी परियोजना है. यहां से 155 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. बताते चलें कि डीवीसी व एनटीपीसी के ज्वाइंट वेंचर में पंचेत डैम में फ्लोटिंग सोलर पैनल बिछाये जा रहे हैं. पैनल व अन्य उपकरणों की सप्लाई की जिम्मेदारी एलएंडटी व एनजीएसएल को सौंपी गयी है. यहां राज्य का दूसरा सोलर फ्लोटिंग प्लांट होगा. इससे पहले कोडरमा में प्लांट स्थापित किया जा चुका है. इसकी क्षमता 12 मेगावाट है.
ग्रामीणों के विरोध के चलते कार्य में हो रही देरी :
डीवीसी के अधिकारियों के अनुसार, साइट इंस्पेक्शन व सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है. पंचेत के कुछ ग्रामीणों द्वारा इस याेजना का विरोध किया जा रहा है. इस कारण पैनल स्थापित करने का कार्य फिलहाल रुका हुआ है. हालांकि, डीवीसी व एनटीपीसी के अधिकारियों ने झारखंड सरकार व पश्चिम बंगाल सरकार को आवेदन देकर समस्या दूर करने का आग्रह किया है.पानी में 105 व जमीन पर 50 मेगावाट होगा उत्पादन :
सौर प्लांट से 155 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की तैयारी है. डैम के पानी पर 75 व 30 मेगावाट के दो अलग-अलग सोलर फ्लोटिंग प्लांट स्थापित किये जायेंगे. वहीं जमीन पर 50 मेगावाट के (ग्राउंड माउंटेड) सोलर रूफ टॉप पैनल स्थापित किये जायेंगे. उत्पादित बिजली का लाभ धनबाद जिले को मिलेगा. वहीं, नेशनल ग्रिड के जरिए पूरे राज्य में जरूरत अनुसार बिजली सप्लाई की योजना है.मैथन डैम में 210 मेगावाट बिजली उत्पादन की तैयारी :
मैथन डैम में भी फ्लोटिंग सोलर प्लांट के जरिए बिजली उत्पादन की तैयारी है. वहां भी डीवीसी व एनटीपीसी के ज्वाइंट वेंचर में 210 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन की तैयारी है. अधिकारियों के अनुसार, इसके लिए सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है. ग्रीन वैली रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (जीवीआरइएल) को सोलर फ्लोटिंग पैनल व अन्य उपकरण मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. मैथन डैम के सोलर प्लांट से 2026 तक बिजली उत्पादन की योजना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है