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Dhanbad News : रेडियोलॉजिस्ट छुट्टी पर, और अल्ट्रासाउंड जांच के लिए बुला लिये गये मरीज

हाल एसएनएमएमसीएच का : अव्यवस्था से मरीजों को बढ़ी परेशानी, हंगामा

शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के अल्ट्रासोनोग्राफी रूम के बाहर में सोमवार को मरीजों ने हंगामा किया. उनका कहना था कि सुबह छह बजे से ही उन्हें अस्पताल बुला लिया गया. 10 बजे बताया जा रहा है कि डॉक्टर नहीं आये हैं. रेडियोलॉजिस्ट छुट्टी पर थीं, तो इसकी जानकारी पहले दी गयी होती. मरीजों को बुला कर परेशान नहीं करना चाहिए.

रोजाना सुबह में बुला लिये जाते हैं मरीज :

अल्ट्रासाउंड विभाग में हर दिन सुबह में मरीजों को बुला लिया जाता है, जबकि काउंटर नौ बजे के बाद खुलता है. सुबह में मरीज सेंटर पर पहुंच कर रसीद कटा कर रेडियोलॉजिस्ट के आने का इंतजार करते हैं. पहले आने वाले 10 से 15 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड किया जाता है, बाकी इंडोर मरीजों का अल्ट्रासाउंड होता है. पहले नंबर लगाने के चक्कर में मरीज सुबह से ही सेंटर के बाहर आकर खड़े हो जाते हैं. सोमवार को आने वाले मरीजों को मंगलवार को फिर से बुलाया गया है. कुछ मरीजों ने रसीद भी कटवा रखी थी. उन्हें वह रसीद लेकर मंगलवार को आने को कहा गया है. इसी रसीद के आधार पर अल्ट्रासाउंड जांच होगी.

रजिस्ट्रेशन की लाइन में लगा मरीज जेआर से उलझा, हंगामा

एसएनएमएमसीएच के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सोमवार को हंगामा हुआ है. यहां रजिस्ट्रेशन के लिए कतार में खड़ा एक मरीज और इएनटी विभाग के जूनियर रेजिडेंट उलझ गये. हंगामा होता देख कर्मचारी और होमगार्ड भी मौके पर पहुंचे. बाद में सरायढेला पुलिस को बुलाया गया. जेआर की शिकायत पर पुलिस मरीज को साथ ले गयी.

क्या है मामला :

सरायढेला निवासी एक व्यक्ति को मेडिसिन विभाग में दिखाना था. इसके लिए वह काफी देर से लाइन में खड़ा था. काउंटर पर पहुंचने पर रजिस्ट्रेशन करने वाले ने पूरी जानकारी लिखकर मांगी. वह लिख ही रहा था कि उधर से एक जूनियर रेजिडेंट ने पर्ची बनवा ली. इस पर पहले से कतार में खड़े लोगों ने इसका विरोध किया और जेआर के हाथ से पर्ची छीन ली. इसी को लेकर विवाद बढ़ा और डॉक्टर ने मामले की शिकायत सरायढेला थाना से कर दी. डॉक्टर ने पर्ची फाड़ने और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने की शिकायत की. वहीं मरीज का कहना है कि जेआर डॉक्टर के ड्रेस में नहीं थे. ऐसे में कैसे पता चलेगा कि वह डॉक्टर हैं. कर्मचारियों के रजिस्ट्रेशन के लिए अलग काउंटर होता है. उसमें आम लोग नहीं जाते हैं. डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पहचान भी बतायी, पर मरीज कुछ सुनने को तैयार नहीं था. बाद में डॉक्टर ने शिकायत वापस ले ली.

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