जिले में 108 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही. जिले के विभिन्न जगहों पर 108 एंबुलेंस खड़ी रही. दूसरी ओर मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मियों ने सीएस कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का सीधा असर चिकित्सा सेवा पर पड़ने लगा है. मंगलवार को एंबुलेंस का परिचालन नहीं होने के कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा. आर्थिक रूप से कमजोर मरीज भी पैसे खर्च कर अस्पताल पहुंचे. यहां से रिम्स रेफर करने पर एंबुलेंस के लिए आठ हजार रुपये तक खर्च करने पड़े. बता दें कि तीन माह का बकाया और अनियमित वेतन के विरोध में धनबाद समेत पूरे राज्य के 108 एंबुलेंस के चालक व कर्मी साेमवार की रात आठ बजे से हड़ताल पर चले गये है.
इसरी के अरविंद को नहीं मिली एंबुलेंस :
इसरी के स्व सोनू मुर्मू के बेटे अरविंद मुर्मू (16) को मंगलवार को धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल से रिम्स रेफर किया गया. अरविंद के पैर में इन्फेक्शन होने के कारण कुछ दिन पूर्व काटना पड़ा था. इसके बाद वह घर चला गया. सोमवार को दर्द बढ़ने पर परिजन उसे लेकर एसएनएमएमसीएच में भर्ती करवाया. स्थिति खराब देख चिकित्सकों ने सोमवार की रात उसे रिम्स रेफर कर दिया. परिजन रातभर 108 एंबुलेंस से संपर्क करते रहे, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. मंगलवार की सुबह आठ हजार रुपये में निजी एंबुलेंस के जरिए परिजन अरविंद को रिम्स ले गये.700 खर्च कर मां को इलाज के लिए लेकर अस्पताल पहुंचा बेटा :
सड़क दुर्घटना में घायल तोपचांची की रहने वाली सोहरी देवी को परिजन 700 खर्च कर एसएनएमएमसीएच लाये. कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में वह घायल हुईं थीं. अस्पताल में इलाज कराने के लिए तैयार नहीं थी. इस बीच बीमारी बढ़ गयी. मंगलवार को परिजन उसे स्थानीय सीएचसी ले गये. चिकित्सकों ने सोहरी देवी को एसएनएमएमसीएच रेफर कर दिया. इसके बाद उनके बेटे ने घंटों 108 एंबुलेंस से संपर्क करना चाहा, लेकिन कॉल सेंटर में किसी ने फोन नहीं उठाया. बाद में 700 रुपये खर्च कर निजी एंबुलेंस से वह अपनी मां को एसएनएमएमसीएच लेकर पहुंचा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है