वरीय संवाददाता, धनबाद.
सरकारी व वन भूमि पर संरचनाओं के मूल्यांकन व अवैध रूप से रह रहे लोगों (नन टाइटल होल्डरों) को एक्सग्रेसिया भुगतान के लिए बीसीसीएल ने एक नई पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया है. उक्त पॉलिसी के मुताबिक कंपनी अब सरकारी व वन विभाग की जमीन पर रहे रहे नन टाइटल होल्डरों को एक्सग्रेसिया भुगतान कर सकेगी. इसके लिए बीसीसीएल की ओर से एक सर्वे कराया गया है. उसके आधार पर ननटाइटल होल्डरों का चयन किया गया है. इस नीति की स्थापना बीसीसीएल के संचालन से प्रभावित नन टाइटल होल्डरों के कल्याण को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है.क्या है पॉलिसी का उद्देश्य :
बीसीसीएल द्वारा इस नई पॉलिसी का मसौदा तैयार किया गया है. उसे दोहरे उद्देश्य से तैयार किया गया है. पहला कि कंपनी के संचालन से प्रभावित सरकारी/वन भूमि पर स्थित गैर टाइटल होल्डरों की संरचनाओं/घरों के लिए अनुग्रह के रूप में निर्धारित भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाला एक संरचित ढांचा प्रदान करना. जबकि दूसरा उद्देश्य एक ऐसा तंत्र स्थापित करना, जो मूल्यांकन और भुगतान प्रक्रिया में समानता के सिद्धांतों को बनाए रखता है. यह मूल्यांकन, अधिभोग अवधि और लचीलापन जैसे कारकों पर विचार करते हुए प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करती है. साथ ही जिला प्राधिकरणों या इस नीति की स्वीकृति तिथि के बाद उपयुक्त सरकार को प्रस्तुत किए गए सरकारी/वन भूमि के सभी पट्टा निपटान/हस्तांतरण प्रस्तावों को शामिल करने के लिए अपने क्षेत्र का विस्तार करती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है