धनबाद के कई ऐसे इलाके हैं, जहां के लोगों का जीवन बारिश के मौसम में दुश्वारियों से भरा होता है. कॉलोनी की सड़कों की हालत इतनी खराब हो जाती है कि बारिश का पानी कमर तक जमा हो जाता है. जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. हालात यहां तक गंभीर हो जाते हैं कि लोग बारिश के मौसम में अपना घर छोड़कर किराया के मकान में रहने चले जाते हैं. इसी तरह के इलाकों की पड़ताल करती पढ़ें शोभित रंजन की रिपोर्ट.
क्या होती है समस्या :
बारिश के बाद सही जल निकासी न होने के कारण जल जमाव हो जाता है. इससे कई बीमारियां के फैलने का खतरा रहता है. बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई होती है. इससे उनकी शिक्षा प्रभावित होती है. घर से निकलने पर गिरकर जख्मी होने का खतरा रहता है.शिकायत के बाद भी नहीं होती सुनवाई :
इतनी भयावह भयावह स्थिति के बाद भी लोग शिकायत करने के बाद मामले की सुनवाई नहीं होती है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस गंभीर समस्या का समाधान करें और जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करें, ताकि वे एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सके.हाल नंदन रेसिडेंसी का : बेसमेंट में फैल जाता है शौचालय का पानी, बदबू से परेशान रहते हैं लोग
बारिश के दिनों में न्यू नावाडीह हीरक रोड स्थित नंदन रेजिडेंसी का हाल बेहाल हो जाता है. कॉलोनी के लोग नाली के गंदे पानी व जल जमाव से काफी परेशान है. यहां शौचालय के पानी निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. नंदन रेजिडेंसी के बेसमेंट में भी शौचालय का पानी भी चारों ओर फैल जाता है. इस वजह गंदगी व बदबू फैल जाती है. बच्चों में बीमार फैल रही है. बुजुर्गों की हालत भी दयनीय है. बारिश के मौसम में बेसमेंट में कमर तक पानी भर जाता है. इससे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है और ना लोग घर से बाहर निकाल पाते हैं.कहते हैं स्थानीय निवासी
कॉलोनी में जल निकासी के लिए को नाली ही नहीं है. आठ लेन बनने के बाद कॉलोनी नीचे हो गयी. ढलान होने की वजह से आठ लेन का सारा पानी यहां जमा हो जाता है. कमर तक जमा पानी को पार कर लोगों को आना-जाना पड़ता है. एक बार एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी दवा लेने जा रहे थे. पानी में गड्ढा पता का नहीं चला. इस वजह से वह गिर गये. इससे उनकी कमर भी टूट गयी.प्रणव पाल
हाल लक्ष्मी नगर कॉलोनी का : बाढ़ जैसे हो जाते हैं हालात, सड़क पर रखना पड़ता है पत्थर
लक्ष्मी नगर कॉलोनी में बारिश होने के बाद बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. लोगों को सड़क पर पत्थर रखना पड़ता है, ताकि उसपर चढ़कर लोग आवागमन कर सकें. इस मोहल्ले में आस पास के मुहल्लों का पानी भी घुस जाता है. जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. नाली बनी है, मगर नाली उसकी सफाई भी कई सालों से नहीं हुई. इस वजह से नाली में भी पानी भरा रहता है. स्थानीय निवासी राजेश दुबे ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. लोग इस समस्या से मजबूर हो कर अपने घर को छोड़ किराये के मकान में पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है