नहीं हटे अंगारपथरा भूली क्वार्टर में रहनेवाले लोग, कहा बरसात तक मिले मोहलत
परियोजना विस्तार का काम भी जोर-शोर से जारी
नहीं हटे अंगारपथरा भूली क्वार्टर में रहनेवाले लोग, कहा बरसात तक मिले मोहलत
परियोजना विस्तार का काम भी जोर-शोर से जारी
सिजुआ. डेंजर जोन के रूप में चिह्नित कतरास एरिया के अंगारपथरा-भूली क्वार्टर के ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की मांग को लेकर यहां संचालित पैच के समीप दूसरे दिन शनिवार को भी कार्यस्थल पर जमे रहे. भूली क्वार्टर के प्रभावितों का कहना था कि बरसात का मौसम है. ऐसे में उनका घर तोडा गया तो तत्काल पुनर्वास स्थल पर घर बनाना काफी मुश्किल भरा कार्य होगा. इसलिए इसका मात्र विकल्प है कि फिलहाल प्रबंधन पांच परिवार को आवास उपलब्ध कराए ताकि उसमें रहा जा सके. कहा कि बीसीसीएल की ओर से उनलोगों को अंगारपथरा वर्कशॉप के समीप या फिर रामकनाली कतरी नदी किनारे स्थित खाली भू-भाग पर बसने के लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी है, जहां तत्काल आवास का निर्माण कतई संभव नहीं है. दूसरी तरफ परियोजना विस्तारीकरण कार्य जोर-शोर चल रहा है. इस मामले में प्रभावित जगिया देवी, दशरथ भुइयां, सुजीत पासवान, रूना देवी ने बताया कि परियोजना विस्तार में लगी मशीन की धमक से पूरा घर हिलता है. इसलिए अपना घर जब तक नहीं बन जाता है, तब तक प्रबंधन परियोजना विस्तार का कार्य रोके. ऐसा नहीं होने पर दूसरी जगह नहीं जायेंगे.शनिवार की सुबह एकेडब्ल्यूएमसी के प्रबंधक संजय कुमार सिंह आंदोलरत ग्रामीणों को समझाने पहुंचे, पर ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. उसके बाद प्रबंधक ने प्रभावित लोगों को कोलियरी कार्यालय में वार्ता के लिए आमंत्रित किया. सिंह ने बताया कि यह जगह पूरी तरह से डेंजर है, इसलिए लोगों को यहां से हटाना बहुत जरूरी है.
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