धनबाद.
ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) की दवा व ओआरएस की खरीदारी के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग को अनुमति मिल गयी है. लोकसभा चुनाव में लागू आचार संहिता को लेकर दोनों दवाओं की खरीदारी के लिए टेंडर प्रक्रिया रुक गयी थी. मरीजों को हो रही परेशानियों को देखते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दोनों दवाओं की खरीदारी के लिए टेंडर की मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके साथ ही जिला स्वास्थ्य विभाग ने दोनों दवाओं की खरीदारी के लिए टेंडर निकाल दिया है.जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र में पिछले दो माह से नहीं है टीबी की दवा :
बता दें कि जिले के सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले दो माह से टीबी की दवा खत्म हो गयी है. फर्स्ट स्टेज वाले टीबी के मरीजों को दी जाने वाली दवा एफडीसी-फोर का स्टॉक खत्म हो चुका है. प्रारंभिक जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीजों को एफडीसी-फोर दवा खानी पड़ती है. उन्हें दिन भर में तीन वक्त यह दवा खाने की सलाह चिकित्सक देते हैं. वहीं हीट वेव से बचाव के लिए सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस का भी स्टॉक नहीं है.जून के पहले सप्ताह में दोनों दवाएं मिलने की उम्मीद :
दोनों दवाओं की खरीदारी के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निकाले गये टेंडर में शामिल होने की अंतिम तिथि 29 मई निर्धारित है. इसके दो दिनों के बाद टेंडर खोला जायेगा. ऐसे में जून माह के पहले सप्ताह में दवा सप्लाई के लिए एजेंसी का चयन होने और अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में दवा का वितरण शुरू होने की उम्मीद जतायी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है