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Dhanbad news: संसाधन नहीं, बावजूद बास्केटबॉल में नाम रोशन कर रहे खिलाड़ी

जिले में बास्केटबाल के खिलाड़ियों के लिए कोई सुविधा नहीं है. इसके बाद भी उनका बुलंद है. वे अपनी मेहनत व लगन से अपना व जिले का नाम रोशन कर रहे हैं.

धनबाद.

जिले में बास्केटबाल के खिलाड़ियों की प्रतिभा किसी पहचान की जरूरत नहीं है. इसके बाद भी जिले में इसके लिए कोई सुविधा नहीं है. यहां ना खिलाड़ियों के लिए कोर्ट है और ना मैदान. इसके बाद भी खिलाड़ियों का हौसला कम नहीं हो रहा है. वे अपना व जिले का नाम जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं. हालांकि बिना संसाधन के ऐसा कब तक कर सकेंगे यह बड़ा सवाल है. जिले के खिलाड़ियों को खेलने के लिए दूसरे किसी स्कूल व संस्थान का रुख करना पड़ता है. इससे उनका मनोबल कम होता है. संघ बैंक मोड़ स्थित जीजीपीएस स्कूल में संचालित होता है. वहीं खिलाड़ी खेलने जाते हैं. वहां भी उनके लिए कोई ढंग का कोर्ट नहीं है. बास्केटबॉल के लिए सिंथेटिक कोर्ट की जरूरत है, मगर वे सीमेंट के कोर्ट पर खेलने को विवश हैं. इससे उन्हें उच्च स्तर पर खेलने में काफी परेशानी होती है.

1991 में बना था बास्केटबाल संघ : जिला बास्केटबाॅल संघ की स्थापना 1991 में हुई थी. इसके फाउंडर प्रेसिडेंट आरएस चहल थे. उन्होंने ही संघ को 1991 से लेकर 2018 तक फंड दिया. श्री चहल 2018 में संघ से किसी कारण से अलग हो गये. इसके बाद संघ की कमेटी के लोगों ने आपस में मिलकर संघ को संभाला.

संघ के पास नहीं है अपना ग्राउंड :

जिला बास्केटबाल संघ के पास अपना ग्राउंड नहीं है और ना कोर्ट है. जीजीपीएस स्कूल में चल रहे संघ के सेंटर को संघ के सेक्रेटरी कलोल समांता देखते हैं. संघ को पहले कई स्कूल अपना ग्राउंड देते थे, मगर अब स्कूलों से मदद मिलनी बंद हो गयी है. संघ को आज बड़ा गुरुद्वारा और आरएस चहल ही सहयोग करते हैं.

क्या है दिक्कत

– टूर्नामेंट की कमी से खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर खेलने में दिक्कत होती है.

– खिलाड़ियों को कोर्ट के लिए दूसरे संस्थानों के भरोसे रहना पड़ता है- खुद का पैसा खर्च कर खिलाड़ियों को मैच खेलने जाना पड़ता है

– बिना कोर्ट के खिलाड़ियों को अभ्यास करने में होती है दिक्कत- जिला प्रशासन से नहीं मिलती है सहायता

– संसाधन की कमी से खेल छोड़ रहे हैं खिलाड़ी

क्या है उपलब्धि

– संघ में वर्तमान में 500 से अधिक खिलाड़ी जुड़े है- जिले की अनु, स्वेता व स्वीटी भारतीय टीम का रह चुकी है हिस्सा

– जिले की तीन बालिका खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय कैंप में हिस्सा लिया

– 1996 से लगातार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में रहा दूसरा स्थान- जिले के खिलाड़ी जिला स्तरीय प्रतियोगिता में लगातार कर रहे है बेहतर प्रदर्शन

क्या कहते हैं सेक्रेटरी

संघ की शुरुआत बहुत बेहतरीन हुई थी. पहले खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मिलने के वजह से शानदार प्रदर्शन करते थे. वर्तमान में संघ का हाल बेहाल होता जा रहा है. संघ के पास फंड की कमी है. इससे खिलाड़ियों पर आर्थिक बोझ पड़ता है. संघ के पास अपना ग्राउंड नहीं होने से खिलाड़ियों को काफी परेशानी होती है.

कलोल समांता, सेक्रेटरी, जिला बास्केटबाॅल संघ

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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