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लग्जरी वाहनों से घूम रहे अफसर, बदमाश पकड़ने खटारा वाहनों से दौड़ लगा रही पुलिस

धनबाद पुलिस के समक्ष चुनौती. 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियां दे जाती हैं दगा, अपराधियों की 150-200 सीसी बाइक का 100 सीसी बाइक से पीछा नहीं कर पाते जवान

धनबाद जिले की पुलिस 15 साल पुरानी व हजारों-लाखों किलोमीटर चल चुके खटारा वाहनों के भरोसे अपराध पर लगाम लगाने की कोशिश में जुटी है. पुलिस ऐसे वाहनों से बदमाशों का पीछा करती है, जो कभी भी दगा दे जाते हैं. जवान अपराधियों की 150-200 सीसी बाइक का 100 सीसी बाइक से पीछा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं. ज्यादातर थानों की गाड़ियां न केवल निर्धारित किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी हैं, बल्कि इनके कलपुर्जे भी पुराने हो चुके हैं. किसी को धक्का मारकर चालू करना पड़ता है, तो कोई चलते-चलते बीच रास्ते में ही बंद हो जाती है. पुलिस विभाग के अधिकारी जहां लग्जरी वाहनों से चलते हैं. वहीं दूसरी ओर बदमाशों को पकड़ने के लिए दिन-रात दौड़ लगाने वाली पुलिस को खटारा वाहन उपलब्ध हैं. जिले में 53 जर्जर गाड़ियों से पुलिस वाले ड्यूटी बजा रहे हैं. इनमें कई गाड़ियां लगभग जवाब दे चुकी हैं. बताया जाता है कि पिछले कई सालों से धनबाद पुलिस कोयला प्रक्षेत्र के डीआइजी और आइजी को लगातार पत्र लिख रही है. बावजूद जर्जर वाहनों को स्क्रैप घोषित करने की अनुमति नहीं मिल रही. कहें तो आज भी पुराने ढर्रे पर पुलिसिंग जारी है. अधिकारी यह नहीं सोचते कि अपराधियों के पास लग्जरी वाहन और पुलिस के पास खटारा वाहन हैं. डेढ़-दो सौ सीसी की पावर बाइक पर सवार अपराधी सरेराह लूट और चेन छिनतई की घटनाओं को अंजाम देते हैं. वहीं पुलिस 100 सीसी बाइक से उनका कैसे पीछा करेगी.

सिटी पेट्रोलिंग के लिए मिली 36 बाइक भी हो चुकी हैं पुरानी :

सिटी पेट्रोलिंग के लिए टाइगर पुलिस को उपलब्ध करायी गयी 36 बाइक पुरानी हो चुकी हैं. इनकी जगह नयी बाइक की मांग की गयी है. इसके लिए पत्र भी लिखा गया है. फिलहाल इन्हीं बाइक के भरोसे धनबाद में हो रही चेन स्नैचिंग और अपराधियों को पकड़ने की कोशिश हो रही है.

एंबुलेंस हुई बेकार, कई गाड़ियां जल गयीं :

धनबाद पुलिस के पास 2002 मॉडल की अपनी एंबुलेंस है, जो पूरी तरह खराब हो चुकी है. पुलिस लाइन में लगी 2016 की सफारी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से खराब पड़ी हुई है. 2012 मॉडल की जीप धनसार थाना क्षेत्र के शक्ति मंदिर के पास उपद्रवियों ने जला दी थी. 2000 मॉडल की एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है. 2011 मॉडल का 407 वाहन अब मरम्मत लायक भी नहीं बचा है. साथ ही, मटकुरिया गोलीकांड के दौरान 2009 मॉडल का वाटर कैनन उपद्रवियों द्वारा जला दिया गया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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