DHANBAD NEWS : विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ गयी धनबाद की राजनीतिक तपिश

अगले तीन दिनों तक सभी बड़े राजनीतिक दलों के नेता यहां करेंगे जोर आजमाइश

By Prabhat Khabar News Desk | September 8, 2024 1:40 AM
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संजीव झा, धनबाद,

मॉनसून की विदाई से पहले ही धनबाद का राजनीतिक पारा बढ़ने लगा है. वायरल फीवर के सीजन में धनबाद में राजनीतिक तपिश बढ़ गयी है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी प्रमुख राजनीतिक दल अगले दो-तीन दिनों तक यहां कोई न कोई कार्यक्रम के बहाने जनता के बीच जायेंगे.

भाजपा : कोयला राज्य मंत्री आज करेंगे कार्यकर्ताओं से चर्चा :

विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है. पार्टी की तरफ से यहां सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही क्लस्टर व विधानसभावार प्रभारी नियुक्त किये गये हैं. मंडल, विस स्तर पर बैठकें भी हो रही है. धनबाद व गिरिडीह जिला की क्लस्टर प्रभारी सह आसनसोल की विधायक अग्निमित्रा पाल पिछले तीन दिनों से धनबाद में कैंप कर रहीं हैं. अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जा कर पार्टी कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोल रहीं. कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे रविवार को यहां पर पार्टी नेता, कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. धनबाद के विधायक राज सिन्हा के घर भोजन पर जायेंगे. वहां पर पार्टी नेताओं के साथ रायशुमारी करेंगे. इसके बाद सरायढेला में चाय पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल होंगे. भगतडीह व मटकुरिया में भी लोगों के साथ चर्चा करेंगे. कोयला राज्य मंत्री के दौरे को लेकर भाजपा ने भी तैयारी पूरी कर ली है. यहां पार्टी की तरफ से भी स्वागत किया जायेगा.

कांग्रेस : प्रदेश अध्यक्ष, सह प्रभारी 10 को धनबाद में करेंगे संवाद :

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश पहली बार 10 सितंबर को धनबाद आयेंगे. उनके साथ पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी सप्तगिरि शंकर अल्का, सांसद डॉ बेला प्रसाद भी रहेंगे. बेकारबांध व लोयाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आम जनों के साथ संवाद करेंगे. लोयाबाद में जनसंवाद आपके साथ कार्यक्रम होगा. दोनों ही कार्यक्रमों के जरिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरना चाहती है. कांग्रेस के इस कार्यक्रम को लेकर पार्टी के अंदर गतिविधियां तेज हो गयी है. विधानसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक दावेदार अपना शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं. अपने समर्थकों की भीड़ जुटा कर लॉबिंग करने में लगे हैं. प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद पिछली कमेटी में अलग-थलग रह रहे नेता भी नये सिरे से अपने को रेस में लाने में लगे हैं. पार्टी यहां की छह विधानसभा सीटों में से पांच पर दावा कर रही है. पिछली बार महागठबंधन के तहत कांग्रेस ने यहां पर चुनाव लड़ा था. इस बार भी कांग्रेस, झामुमो, राजद के बीच गठबंधन होने की संभावना है.

माले-मासस की एकता रैली के बहाने शहर में वाम ताकत दिखाने की तैयारी :

नौ सितंबर को गोल्फ ग्राउंड में भाकपा माले-मासस का विलय के अवसर पर भाजपा हटाओ-लूट मिटाओ एकता रेली का आयोजन किया गया है. इस रैली के बहाने बहुत दिनों बाद धनबाद शहर में वाम समर्थकों के बड़े जुटान की तैयारी है. 50 हजार से ज्यादा भीड़ जुटाने का दावा किया जा रहा है. एक समय धनबाद को लाल गढ़ माना जाता था. खासकर निरसा, सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में लाल झंडा का खासा प्रभाव था. लेकिन, 2019 के विधानसभा चुनाव में धनबाद से वाम दलों का पूरी तरह सफाया हो गया. पिछली बार चुनाव में भाजपा ने चार तथा कांग्रेस एवं झामुमो ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव में मासस ने यहां से अपना प्रत्याशी उतारा था. लेकिन, पार्टी का प्रदर्शन बहुत निराशजनक रहा. माले ने इंडिया गठबंधन के साथ बिहार व झारखंड में लोकसभा चुनाव लड़ा था. बिहार में पार्टी का प्रदर्शन भी अच्छा रहा. नौ की रैली में माले एवं मासस के कई बड़े नेता शामिल होंगे. इसमें माले के केंद्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य शामिल हैं. इस रैली पर एनडीए एवं इंडिया गठबंधन के सभी दलों की नजरें है.

मंईयां सम्मान योजना के बहाने झामुमो भी सक्रिय :

झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के बहाने झामुमो के नेता, कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गये हैं. पूरे जिला में झामुमो नेताओं ने इस योजना को लेकर होर्डिंग-बैनर लगाया है. अधिक से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ दिलाने की कोशिश कर रही है. साथ ही इसको लेकर जनता के बीच संवाद भी कर रहे हैं. नौ सितंबर को सीएम हेमंत सोरेन धनबाद-गिरिडीह जिला के सीमा पर एक कार्यक्रम में आ रहे हैं. गांडेय में होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर झामुमो समर्थक रेस हैं. यहां से बड़ी संख्या में पार्टी के नेता, कार्यकर्ता वहां जायेंगे. कार्यक्रम स्थल टुंडी से सटा हुआ है. टुंडी विस सीट झामुमो का मजबूत गढ़ माना जाता है. इस क्षेत्र पर पार्टी का विशेष जोर है.

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