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Dhanbad News : आम बजट को लेकर प्रभात खबर ने चेंबर के पदाधिकारियों के साथ किया संवाद कार्यक्रम : उठी मांग

बोले व्यवसायी : जीएसटी का स्लैब घटाये और ऑनलाइन कारोबार पर अंकुश लगाये सरकार

एक फरवरी को केंद्र सरकार का आम बजट पेश होगा. आम बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. खासकर व्यवसायी वर्ग को इस बजट से काफी उम्मीदें है. बजट के पूर्व प्रभात खबर ने गुरुवार को बैंकमोड़ चेंबर के व्यवसायियों के साथ आम संवाद किया. इस दौरान जीएसटी का सरलीकरण, इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाने, डिजिटल पेमेंट पर शुल्क हटाने, ऑन लाइन कारोबार पर अंकुश लगाने सहित कई मामले मुद्दे शामिल हैं.

आम बजट से व्यवसायियों की उम्मीदें

– जीएसटी का स्लैब घटना चाहिए- इन्कम टैक्स का स्लैब बढ़ना चाहिए

– ई सिगरेट की तरह ई कॉमर्स पर भी बैन लगे- डिजिटल पेमेंट पर जो 2 से 3 प्रतिशत चार्ज लगता है, उसे हटाया जाये

व्यवसायियों के दर्द, जो उभर कर सामने आये-ऑन लाइन कारोबार पर सरकार अंकुश लगाये और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस हो-झारखंड में सबसे ज्यादा राजस्व धनबाद देता है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं

-कोयला नगरी के नाम से धनबाद की पहचान, फिर भी नहीं लग रहे नये उद्योग- इंश्योरेंस सेक्टर में जीएसटी लागू नहीं होना चाहिए

-जीएसटी से महंगाई रुकने की बजाय बढ़ रही है. -सर्राफा के कारीगरों के उत्थान के लिए कदम उठाने की जरूरत

– धनबाद की इंडस्ट्रीयल पार्क, वेयर हाउस व ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम मजबूत करने की जरूरत

ऑन लाइन कारोबार पर अंकुश लगाये सरकार : सुरेंद्र

ऑनलाइन कारोबार के कारण बेरोजगारी बढ़ी है. दुकानदार के साथ स्टाफ भी बेरोजगार हो रहे हैं. इस पर अंकुश लगाया जाये. जीएसटी के स्लैब के कारण महंगाई बढ़ रही है. ई सिगरेट की तरह ई कॉमर्स पर भी बैन लगना चाहिए. सुरेंद्र अरोड़ा, पूर्व अध्यक्ष, बैंकमोड़ चेंबर

व्यापार बढ़ेगा, तो सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा : लोकेश

झारखंड में धनबाद सबसे अधिक राजस्व देता है. लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नही है. धनबाद में इंडस्ट्रीयल पार्क, वेयर हाउस, ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम को मजबूत किया जाये, तो व्यापार बढ़ेगा, सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.

लोकेश अग्रवाल, महासचिव, बैंक मोड़ चेंबर

इंश्योरेंस सेक्टर में जीएसटी नहीं होना चाहिए : प्रमोद

देश की कोयला राजधानी धनबाद है. बावजूद केंद्रीय बजट में पैकेज की कोई घोषणा नहीं की जाती है. केंद्र व राज्य सरकार यहां का आधा राजस्व छोड़ दे, तो एयरपोर्ट-फ्लाईओवर बन जायेंगे. इंश्योरेंस सेक्टर में जीएसटी नहीं होना चाहिए. प्रमोद गोयल, अध्यक्ष, बैंक मोड़ चेबर

पिछले साल की घोषणाओं पर पहले बात हो : विकास

पिछले साल आम बजट में जो घोषणाएं की गयी थी, उसमें क्या-क्या काम हुए हैं. पहले इस पर बात होनी चाहिए. वन टैक्स, वन नेशन की बात सरकार करती है. जीएसटी के साथ कई तरह के टैक्स देने पड़ रहे हैं. जीएसटी के बढ़े स्लैब के कारण महंगाई बढ़ी है.

विकास पटवारी, दुकानदार, बैंकमोड़

सर्राफा कारोबार के साथ श्रमिकों पर भी फोकस हो : रवींद्र

री-एडमिशन के नाम पर दोहन किया जा रहा है. सरकार को इस पर अंकुश लगाना चाहिए. सर्राफा कारोबार के साथ कारीगरों पर भी बजट में फोकस होना चाहिए. विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को लाभ नहीं मिल रहा है.

रवींद्र वर्मा, दुकानदार, बैंकमोड़

फर्जी वेबसाइट पर अंकुश लगाये सरकार : दिलीप

साइबर सिक्युरिटी पर अवरनेस प्रोग्राम की जरूरत है. फर्जी वेबसाइट के लिए लोग ठगे जा रहे हैं. सरकार को इसपर अंकुश लगाना चाहिए. स्टार्टअप के लिए बैंक से सहयोग नहीं मिलता है. जबकि सरकार स्टार्टअप पर जोर देती है.

दिलीप पांडेय, दुकानदार, बैंक मोड़

जीएसटी की जटिलताओं के कारण विदेश में शिफ्ट कर रहे कारोबारी : अरुण

जीएसटी की जटिलताओं के कारण भारत के कारोबार विदेश में शिफ्ट कर रहे हैं. देश की कोयला राजधानी धनबाद है, लेकिन औद्योगिक विकास नहीं हो रहा है. धनबाद में प्रदूषण सबसे बड़ा मुद्दा है. बजट में हेल्थ पर फोकस होना चाहिए.

अरुण कुमार,

दुकानदार, बैंक मोड़

डिजिटल पेमेंट से दो से तीन प्रतिशत लग रहा चार्ज : राजेश

डिजिटल पेमेंट से दो से तीन प्रतिशत चार्ज लग रहा है. ट्रेड में चार से पांच प्रतिशत की मार्जिंग है. डिजिटल पेमेंट में चार्ज लगने से हमलोगों को घाटा हो रहा है. जो चार्ज काटे जा रहे हैं, इसपर रोक लगाया जाना चाहिए. आम बजट में इस पर प्रावधान लाना चाहिए.

कई तरह के टैक्स दे रहे हैं दुकानदार : बलबीर

जीएसटी को लेकर वन नेशन वन टैक्स की बात की गयी. जीएसटी के साथ हमलोग प्रोपर्टी, ट्रेड लाइसेंस, इन्कम टैक्स आदि दे रहे हैं. इन्कम टैक्स का स्लैब बढ़ना चाहिए. डिजिटल पेमेंट से एतराज नहीं, लेकिन पैसा नहीं कटना चाहिए.

बलबीर सिंह

, दुकानदार, बैंक मोड़

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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