DHANBAD NEWS : प्रभात खबर का अभियान स्वस्थ बेटिया, खुशहाल परिवार : चिकित्सक ने कहा- पौष्टिक आहार लें, स्वाद नहीं, सेहत का रखें ध्यान, लाइफ स्टाइल में करें बदलाव

गुजराती हाई स्कूल झरिया में प्रभात खबर बेटियों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता शिविर में बोलीं डॉ लीना ने कहा : कितने सवालों के साथ जी रहीं हैं बेटियां, इस समय इनका मार्गदर्शन जरूरी

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2024 1:15 AM
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गुजराती हाई स्कूल झरिया में प्रभात खबर की ओर से स्वस्थ बेटिया, खुशहाल परिवार अभियान के तहत मंगलवार को छात्राओं के लिए स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इसमें स्कूल की नौवीं-10वीं की सैकड़ों छात्राओं ने हिस्सा लिया. बेटियों को हेल्थ टिप्स देने के साथ उनकी काउंसेलिंग शहर की जानी-मानी चिकित्सक डॉ लीना सिंह ने की. उन्होंने छात्राओं के विभिन्न सवालों के जवाब दिया. साथ ही ध्यान और स्वस्थ आहार के महत्व को समझाया. कहा कि पीसीओडी की समस्या टीन एज में बढ़ती जा रही है. पीसीओडी (पॉलि सिस्टिक ओवरी डिसआर्डर) के तहत हार्मोनल बदलाव आते हैं. इसके कारण मोटापा, अनियमित माहवारी, चेहरे पर बाल, सिरदर्द, ब्लड प्रेशर आदि की समस्या होती है. इससे बचने के लिए लाइफ स्टाइल को बदलें. तनाव न लें, मेडिटेशन कर पौष्टिक आहार लें. स्वाद नहीं सेहत का ध्यान रखें. मौके पर स्कूल की शिक्षिकाएं भी उपस्थित थीं. उन्होंने कार्यक्रम की सराहना की और छात्राओं का उत्साह बढ़ाया.

छात्राओं ने पूछे कई सवाल :

कार्यक्रम के अंत में छात्राएं अपनी जिज्ञासा लेकर चिकित्सक के पास पहुंची. चिकित्सक से बेटियों ने खुल कर अपनी समस्या रखी. उनके सवालों से चिकित्सक दंग थीं. उनका कहना था कि बेटियों में यह उत्साह और जागरूकता मन को खुश करने वाला है. इनके मन की जिज्ञासा को शांत करना बेहद जरूरी है. कितने सवालों के साथ ये जी रही हैं. इस समय इनका मार्गदर्शन बेहद जरूरी है.

समस्याएं सामने जो आयीं :

लगभग तीन घंटे तक चले कार्यक्रम में छात्राओं ने मासिक, ल्यूकेरिया की परेशानी, चक्कर का आना, सीने में दर्द होना, किसी काम में एकाग्रता का नहीं होना, ओवर ब्लीडिंग आदि समस्याओं को रखा.

चिकित्सक ने दिये सुझाव :

डॉ लीना सिंह ने छात्राओं को कई सुझाव दिये. कहा कि भारतीय परिवेश में 11 से 13 साल की उम्र में ही पीरियड्स शुरू होता है. लेकिन मौजूदा समय में प्रदूषण व कई कारणों से 10 साल की उम्र से ही पीरियड शुरू हो जा रहा है. ऐसे में मां हर मां अपनी बेटियों को समझायें, सिखायें और ज्यादा परेशानी हो, तो चिकित्सक की राय लें. इस समय में सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करें. ल्यूकेरिया की परेशानी हो, तो बच्चे तत्काल अपने परिजन को बतायें. पौष्टिक व संतुलित आहार लें. नियमित योग करें. हीमोग्लोबिन की जांच करायें. शरीर में खून की कमी के कारण भी चक्कर, उल्टी, कमजोरी या मन अशांत रहता है. उन्होंने ब्रेस्ट के सेल्फ एक्जामिन का तरीका भी बताया.

फाइबर से भरपूर है भारतीय खाना :

हमारा भारतीय खाना फाइबर से भरपूर होता है, जो सही पोषण के साथ स्वस्थ शरीर देता है. बढ़ती हुई उम्र में बेटियों को खाने में आयरन, विटामिन व मिनरल की जरूरत अधिक होती है. आयरन के लिए पालक, गुड़, खजूर, बीट, मोटा अनाज व आलू खायें. विटामिन सी के लिए नींबू, हरी मिर्च व आंवला का उपयोग करें. चोकर युक्त आटे, बाजरा-रागी भोजन में शामिल करें. खूब पानी पीयें. फास्ट फूड व जंक फूड से पिज्जा, बर्गर, चाउमिन, पास्ता व कोल्ड ड्रिंक्स का इस्तेमाल नहीं करें. फास्ट व जंक फूड से मोटापा, अनियमित मासिक, खून की कमी, लंबाई का नहीं बढ़ना जैसी समस्या होती है.

प्राचार्य ने कहा : बेटियों के लिए उपयोगी है प्रभात खबर का आयोजन

प्रभात खबर की ओर से चलाया जा रहा स्वस्थ बेटियां, खुशलहाल परिवार अभियान सराहनीय है. सबसे अच्छी बात यह है कि बच्चियों ने भी खुल कर अपनी समस्या साझा की. इसका समाधान उन्हें मिला. इतने उपयोगी कार्यक्रम के लिए प्रभात खबर व उनकी पूरी टीम का आभार. लक्ष्मी नारायण, प्राचार्य

शिक्षिकाएं बोलीं : जागरूक दिखीं बेटियां

स्वास्थ्य को लेकर बेटियों के लिए पहली बार ऐसा आयोजन देखने को मिला. छात्राओं को होनेवाले शारीरिक बदलाव व उससे संबंधित समस्या व समाधान सराहनीय रहा. स्वास्थ को लेकर बेटियां भी जागरूक थीं. प्रभात खबर का शुक्रिया.

भारती रानी, शिक्षिका

बेटियों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता जरूरी है. प्रभात खबर की ओर से बेटियों के लिए हेल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जाना प्रशंसनीय है. इस उम्र में बच्चियों में झिझक होती है. ऐसे कार्यक्रमों से उनकी समस्या का समाधान होगा, झिझक मिटेगी.

सोनाली प्रसाद, शिक्षिकाB

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