डेंजर जोन के रूप मे चिह्नित कतरास एरिया के अंगारपथरा-भूली क्वार्टर को ध्वस्त करने पहुंचे प्रबंधन को शुक्रवार बैरंग लौटना पड़ा. ग्रामीणों के आक्रोश को देख सीआइएसएफ के साथ पहुंचे बीसीसीएल के अधिकारियों को बिना ध्वस्त किये लौटना पड़ा. इस दौरान ग्रामीण तथा सीआइएसएफ के बीच तीखी नोकझोंक हुई. बताया जाता है कि अंगारपथरा कांटापहाड़ी में संचालित डिपार्टमेंटल पैच के समीप स्थित भूली क्वार्टर को ध्वस्त करने जेसीबी लेकर जैसे ही टीम पहुंची, सूचना पाकर झामुमो नेता कृष्णा लाला समर्थकों के साथ पहुंचे और क्वार्टर तोड़े जाने का विरोध किया.
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इस दौरान काफी संख्या में लोग जुटे. सीआइएसएफ क्यूआरटी ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, इसी दौरान स्थानीय लोगों के साथ जवानों की नोकझोंक हुई. लोगों का कहना था कि पहले प्रबंधन पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित कराए, तभी हमलोग यहां से हटेंगे. झामुमो नेता कृष्णा लाला ने कहा कि प्रबंधन वादाखिलाफी कर रहा है. वार्ता में तय हुआ था कि लोगों को पहले पुनर्वास कराया जायेगा, इसके बाद ही आवासों को तोड़ा जायेगा. इस संबंध में वेस्ट मोदीडीह कोलियरी के प्रबंधक संजय कुमार सिंह ने कहा कि यह इलाका डेंजर जोन में है. कांटापहाड़ी भूली क्वार्टर असुरक्षित क्षेत्र में है. बगल में उत्खनन परियोजना भी चल रही है. लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है, लेकिन कुछ लोग यहां से जाने को तैयार नहीं हैं. विरोध जताने वालों में मुख्य रूप से अरुण कुमार, संतोष राउत, पवन भुइयां, विश्वजीत पासवान, विक्रम भुइयां, सुशीला देवी, जगिया देवी, रीता देवी, शोभा देवी, सोनी देवी, अनीता देवी आदि शामिल थे.
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