Dhanbad News : जानिये धनबाद आइआइटी आइएसएम की क्यूएस सस्टेनेबिलिटी में क्या है रैंकिंग

क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 जारी, धनबाद आइआइटी आइएसएम को देश में 17वां और वैश्विक स्तर पर 653वां स्थान, भारत के 78 विवि को जगह मिली

By Prabhat Khabar News Desk | December 11, 2024 12:26 AM

क्यूएस वर्ल्ड सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 मंगलवार को जारी की गयी. अबकी आइआइटी आइएसएम धनबाद भी इसमें शामिल हुआ. धनबाद आइआइटी को वैश्विक स्तर पर 653वां स्थान मिला है. वहीं भारतीय शिक्षण संस्थानों में इसे 17वां स्थान मिला है. क्यूएस ने आइआइटी आइएसएम को ओवरऑल 55 प्वाइंट दिये हैं. वहीं दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान वहनीयता (सस्टेनेबिलिटी) के मामले में भारत के विश्वविद्यालयों में शीर्ष पर है, जो 255 पायदान की छलांग लगाकर वैश्विक स्तर पर 171वें स्थान पर पहुंच गया है. आइआइटी खड़गपुर दूसरे स्थान पर है, जिसका वैश्विक रैंक 202 है. आइआइटी बॉम्बे तीसरे स्थान पर है, जिसका वैश्विक रैंक 234 है. 2025 की रैंकिंग में 78 भारतीय शिक्षण संस्थान शामिल हुए.

क्यूएस की हर रैंकिंग में आइआइटी आइएसएम शामिल :

क्यूएस द्वारा हाल में ही एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 जारी की गयी थी. इस रैंकिंग में आइआइटी आइएसएम को बेहतर रैंक मिला. आइआइटी आइएसएम को एशिया में 381वीं रैंकिंग दी गयी है, जबकि देश में आइआइटी से आगे सिर्फ 15 संस्थान हैं. क्यूएस एशिया रैंकिंग लिस्ट में भारत में आइआइटी आइएसएम 16वें स्थान पर है.

मिनरल्स एंड माइनिंग की पढ़ाई में आइआइटी देश में श्रेष्ठ :

क्यूएस रैंकिंग 2024 के अनुसार, मिनरल्स एंड माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पूरे विश्व में आइआइटी आइएसएम 41वें स्थान पर है. लंदन में रह रहे क्यूएस के उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने कहा कि क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग (2025) में शामिल 78 भारतीय विश्वविद्यालयों में से 34 ने पिछले वर्ष की तुलना में सुधार किया है तथा आठ का स्थान इस बार भी बरकरार रहा है. उन्होंने कहा कि यह भारतीय उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे यह पता चलता है कि भारतीय विश्वविद्यालय वहनीयता के लिए अपनी पहलों पर काम कर रहे हैं. सस्टेनेबिलिटी 2025 के लिए क्यूएस ने तीन आधारों पर्यावरणीय प्रभाव, सामाजिक प्रभाव और शासन में विश्वविद्यालय के प्रदर्शन के आधार पर रैंक दी है.

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